नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बीएस-4 वाहन घोटाले से जुड़े मामले में आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के पूर्व विधायक जे सी प्रभाकर रेड्डी और उनके सहयोगियों एवं कंपनियों की 22 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है।
निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड की भूमिका की भी जांच कर रही है संघीय एजेंसी
संघीय एजेंसी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि वह मामले में प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड की भूमिका की भी जांच कर रही है।रेड्डी अभी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की तड़ीपत्री नगरपालिका के अध्यक्ष हैं। वह तेदेपा से विधायक के तौर पर तड़ीपत्री सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
उच्चतम न्यायालय के मार्च 2017 के एक फैसले से उपजा यह मामला
ईडी के बयान के अनुसार, यह मामला उच्चतम न्यायालय के मार्च 2017 के एक फैसले से संबंधित है जिसके तहत शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि भारत में कोई भी वाहन निर्माता या डीलर एक अप्रैल 2017 से बीएस-4 उत्सर्जन नियमों का पालन न करने वाले किसी भी वाहन की बिक्री नहीं करेगा। इसी तारीख से ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर भी रोक लगा दी गई थी।
जाली बिलों के जरिये धोखे से बीएस-4 वाहन के तौर पर पंजीकृत कराया
एजेंसी ने कहा कि रेड्डी के ‘‘नियंत्रण’’ वाली जटाधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (जेआईपीएल) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करके अशोक लीलैंड लिमिटेड से किफायती दाम पर बीएस-3 वाहन खरीदे और फर्जी बिल के जरिये इन्हें ‘‘धोखे से’’ बीएस-4 वाहन के तौर पर पंजीकृत कराया।
कुछ वाहनों को नगालैंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कराया गया है पंजीकृत
संघीय एजेंसी ने बताया कि जांच में पाया गया कि कुछ वाहनों को नगालैंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पंजीकृत कराया गया।ईडी ने कहा, ‘‘इन वाहनों को खरीदने/चलाने या बेचने से अर्जित आय 38.36 करोड़ रुपये पाई गई है।’’
जब्त की गई संपत्ति का कुल मूल्य 22.10 करोड़ रुपये
जे सी प्रभाकर रेड्डी, उनके परिवार के सदस्य, उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों जैसे कि दिवाकर रोड लाइंस और जटाधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड तथा सी गोपाल रेड्डी और उनके परिवार की 6.31 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 15.79 करोड़ रुपये की 68 अचल संपत्तियां धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत जब्त की गई हैं। चल संपत्ति में बैंक में जमा राशि, नकदी और आभूषण शामिल हैं। जब्त की गई संपत्ति का कुल मूल्य 22.10 करोड़ रुपये है।
ईडी ने कहा, ‘‘इस पूरे घोटाले में अशोक लीलैंड की भूमिका समेत अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है।