भारतीय महिलाओं के जज्बे को सलाम करने के लिए मुंबई में ‘वी वीमेन वांट फेस्टिवल’ का आयोजन मुंबई के जुहू होटल में रैजबेरी राइनोसेरोस में किया गया।
‘वी वुमन वांट’ शक्ति अवार्ड्स के दूसरे संस्करण को चिह्नित करते हुए,इस कार्यक्रम में जीवन के सभी क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओ को आई टीवी फाउंडेशन की ट्रस्टी और अंबाला की मेयर शक्ति शर्मा ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया।
समारोह में राज्यसभा सांसद और आई टीवी नेटवर्क के प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा, आई टीवी फाउंडेशन की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित शर्मा शामिल थे ।
कार्यक्रम में कारोबारी जगत की सफल महिलाओं ने भी भाग लिया – जिसमें मीतू समर, मीनल श्रीनिवासन और रीमा संघवी, जैसी हस्तियां शामिल थीं।
मीतू समर ने बताया कि जिस तरह से उनका पालन-पोषण हुआ, उन्हें बताया गया था कि उन्हें सबसे अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी, लेकिन उनका कोई करियर होगा या नहीं, यह उनके भविष्य के परिवार पर निर्भर करेगा और फिर बाद में अपने पति और पिता के सपोर्ट से करियर में कामियाबी हासिल कर पायी।
मीनल श्रीनिवासन ने अपने विनम्र शुरुआत के बारे में बात की “वह परिवार जहां मेरे पिता ने मुझे एक सीख दी थी कि एक महिला कई भारतीय परिवारों के विपरीत है, और एक पुरुष और एक महिला के बीच कोई अंतर नहीं होता इसलिए मुझे एक बेटे की तरह बड़ा किया है तो शायद एक यही वजह है कि जिस तरह का निर्णय मैंने लिया, जिस तरह से आप जानते थे कि मैंने अपने जीवन की ओर देखा, जो मैंने स्वयं के लिए निर्धारित किया था।
रीमा संघवी ने बताया कि कैसे उनके पिता ने उनका साथ दिया ओर उन्होंने आसाम से बॉम्बे तक का सफर तय किया और उसके बाद कामियाबी हासिल की।
‘वी वीमेन वांट फेस्टिवल’ में अनुराग बत्रा ने पेनलिस्ट से महिला सशक्तिकरण को लेकर चर्चा की जिसमें मेडिसन वर्ल्ड की एक्सेक्यूटिव डायरेक्टर लारा बलसारा ने सफलता की परिभाषा बताते हुए कहा की महिलाए अब बिजनेस से लेकर हर क्षेत्र में आगे बढ रही हैं और हर महिला के काम की प्रशंसा करती हैं।
आई बी एम की डिजिटल सेल्स डायरेक्टर दीपाली नायर ने ओपराह विनफ्रे को सफलता का सबसे अच्छा उदाहरण बताया। लेकिन पिछले 10 साल से महिला CEO की संख्या में तेज गति से कोई बदलाव नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सफलता के लिए मेल स्पॉन्सरशिप बहुत अहम भाग होता है। मिडिल मैनेजमेंट और सीनियर मैनेजमेंट के लिए महिलाओं का होना जरूरी है। दीपाली नायर ने यह भी कहा की उन्हें इस बात की खुशी के बहुत से बोर्ड अब इस बारे में बात कर रहे हे और सवाल पूछ रहे हैं।
फंड्रम की कोफाउंडर समृद्धि कत्याल ने कहा कि सफलता के लिए हमारे माता पिता ही होते है जो हमारे पीछे खड़े होकर दुनिया से लड़ते है और किसी भी बिज़नेस की शुरुआत करने के लिए परमिशन की जरुरत नहीं होती लेकिन अभी भी बहुत कम महिलाये हे जो खुद से लेती हैं।
चर्चा में अनुराग बत्रा के सवाल पर पेनलिस्ट रुचिका ने कहा कि महिलाओं की समानता तब होगी जब हम उनके कार्य को सराहने के तरीके में बदलाव लाएंगे ।
चर्चा के अंत में सभी पेनलिस्ट ने अपने विचार बताते हुए कहा कि हमें खुद पर भरोसा रखना चाहिए और किसी भी बिज़नेस की शुरुआत जल्द करनी चाहिए।