त्योहारों से पहले भारत में कोरोना वायरस के मामलों ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है। कोविड के बढ़ रहे मामलों को थामने के लिए महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है. वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी पिछले कुछ दिनों के अंदर कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिला है । इसी बीच एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज की मांग कम हो गई है। इस एहतियाती खुराक को कोई लेने वाला नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दिसंबर 2021से कोविशील्ड का उत्पादन बंद कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद किया था तब जो कोविशील्ड टीके का जो भंडार मौजूद था, उसमें से लगभग दस करोड़ खुराक के प्रयोग की समय-सीमा बीत चुकी है।
बूस्टर डोज के लिए भी लोगों में कोई उत्साह नहीं
उन्होंने ये जानकारी विकासशील देशों के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स नेटवर्क (DCVMN) की वार्षिक आम बैठक के इतर पत्रकारों से बात करते हुए दी। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज के लिए भी लोगों में कोई उत्साह नहीं बचा है। पूनावाला ने कहा कि लोग कोरोना महामारी से तंग आ चुके हैं। इस कारण उनके मन में टीकाकरण के प्रति उदासीनता आ गई है।
दस करोड़ खुराक हो चुकी हैं एक्सपायर
इस दौरान उन्होंने कोविशील्ड के उत्पादन को साल 2021 के दिसंबर माह में बंद कर दिए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उस समय हमारे पास कोविशील्ड टीके की कई सौ करोड़ खुराक मौजूद थीं, इसमें से लगभग दस करोड़ खुराक अपनी एक्सपायरी डेट को क्रास कर गई हैं। पूनावाला ने यह भी कहा कि अब SII के टीकों को मिलाने की अनुमति है।
मिल सकता है मिश्रण वाले बूस्टर डोज की अनुमति
पूनावाला ने कहा कि उम्मीद है कि आने वाले दो सप्ताह में कोर्वोवैक्स को अनुमति मिल जाएगी। ऐसे में मुझे लगता है कि सरकार मिश्रण वाले बूस्टर डोज की अनुमति देगी। अगर डब्ल्यूएचओ ने इसे अनुमति दी है, तो शायद भारतीय नियामक भी इसे अनुमति दे देगा।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में सरकार ने भी कोरोना के कम होते मामलों का हवाला देते हुए कोरोना के टीकों के विदेशों से आयात पर रोक लगाने की जानकारी दी थी।