डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों की वजह से ऑनलाइन लेनदेन में तेजी आई है। वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के दौरान देश में 38.32 लाख करोड़ रुपये के 23.06 अरब डिजिटल लेनदेन हुए। इसमें यूपीआई लेनदेन सर्वाधिक 84 फीसदी रहा। डिजिटल लेनदेन में यूपीआई, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट जैसे प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट और प्रीपेड कार्ड से हुए लेनदेन भी शामिल हैं।
वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरी तिमाही में 32.5 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई आधारित 19.65 अरब से ज्यादा लेनदेन हुए। 2021 की जुलाई-सितंबर से तुलना करें तो यूपीआई लेनदेन संख्या के लिहाज से इस बार 88 फीसदी और मूल्य के लिहाज से 71 फीसदी ज्यादा हुआ। कुल डिजिटल लेनदेन में यूपीआई पर्सन-2-मर्चेंट (पी2एम) व पर्सन-2-पर्सन (पी2पी) के जरिये उपभोक्ताओं ने सबसे ज्यादा 42 फीसदी लेनदेन किए।
इन पांच बैंकों से सबसे ज्यादा हुआ भुगतान
सितंबर तक यूपीआई लेनदेन की सुविधा देने वाले बैंकों की संख्या 358 रही। जिन पांच बैंकों से सबसे ज्यादा भुगतान हुआ, उनमें एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं।यूपीआई लेनदेन के लिए उपभोक्ताओं ने जिन तीन एप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया, उनमें फोनपे, गूगल पे, पेटीएम पेमेंट्स बैंक एप शामिल हैं।
डेबिट कार्ड की संख्या 92.03 करोड़ से 2 फीसदी बढ़कर 93.85 करोड़
जुलाई-सितंबर अवधि तक 1.01 अरब क्रेडिट-डेबिट कार्ड सर्कुलेशन में हैं। इस दौरान क्रेडिट कार्ड की संख्या सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़कर 7.77 करोड़ पहुंच गई। डेबिट कार्ड की संख्या 92.03 करोड़ से 2 फीसदी बढ़कर 93.85 करोड़ पहुंच गई।कुल लेनदेन में क्रेडिट-डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी संख्या के लिहाज से 7 फीसदी और मूल्य के हिसाब से 14 फीसदी रही।जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान क्रेडिट कार्ड से 3.5 लाख करोड़ रुपये के 7.25 करोड़ लेनदेन हुए।डेबिट कार्ड से 90.7 करोड़ लेनदेन में 1.88 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए।
फास्टैग : सितंबर तक 5.88 करोड़ जारी
सितंबर, 2022 तक 36 बैंकों से 5.88 करोड़ एनईटीसी फास्टैग जारी किए गए हैं।
मोबाइल वॉलेट
तीसरी तिमाही में 551.8 अरब डॉलर के 1.44 अरब लेनदेन हुए। संख्या के लिहाज से सालाना आधार पर यह 19 फीसदी बढ़ा है, जबकि मूल्य के हिसाब से 9 फीसदी घटा है।
आधार आधारित भुगतान सेवा
इसके जरिये 840.5 अरब रुपये के 65.1 करोड़ लेनदेन हुए। संख्या और मूल्य के लिहाज से वृद्धि 13-13 फीसदी रही।