इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
5G in India : सरकार द्वारा घोषित किए गए सुधारों और शुल्क दरों में वृद्धि करने से दूरसंचार क्षेत्र (Telecom Sector) को भले ही कुछ मदद मिल गई हो लेकिन उसके लिए चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं।
5जी नेटवर्क (5G Network) शुरू करने के लिए दूरसंचार उद्योग नकदी की कमी का सामना कर रहा है। दूरसंचार क्षेत्र देशभर में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रहा है।
1.3 से 2.3 लाख करोड़ का निवेश (1.3 to 2.3 lakh crore investment)
दूरसंचार क्षेत्र को अनुमान है कि वह भविष्य में 1.3 लाख करोड़ रुपए से 2.3 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा। दूरसंचार क्षेत्र यह निवेश मजबूत बुनियादी ढांचे, दूरसंचार तथा नेटवर्क उत्पादों के निर्माण में करेगा। दूरसंचार क्षेत्र को सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना और अन्य सुधारों का समर्थन प्राप्त है।
कई वर्षों की कड़ी प्रतिस्पर्धा और पिछले वैधानिक बकाया के भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उद्योगपति सुनील मित्तल की भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और दबाव में फंसी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने लगभग मिलकर शुल्क दरें बढ़ाई हैं।
यह देख मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance JIO) भी कहां पीछे रहने वाली थी। रिलायंस जियो ने भी तुरंत बाद दोनों कंपनियों की तरह शुल्क दरों में वृद्धि कर दी।
सरकार की ओर से राहत पैकेज मिलने के साथ ही बकाया भुगतान के लिए 4 साल का समय देने समेत शुल्क दरों में वृद्धि से उद्योग को उठने के लिए बल मिल गया है। सरकार ने अधिक सुधारों का वादा किया है जिससे उद्योग नए साल में उत्साह के साथ प्रवेश कर रहा है।
इसी के साथ ही दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) का मूल्य तय करने पर सकारात्मक परिणाम देखने के लिए भी उत्सुक हैं। यह नीलामी अगले कुछ महीनों में हो सकती है।
सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (COAI) के महानिदेशक एसपी कोचर के अनुसार 5जी नेटवर्क से जुड़े स्पेक्ट्रम, आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने और अखिल भारतीय स्तर पर बेहतर सेवा के लिए टावर लगाने को लेकर दूरसंचार कंपनियों को लगभग 1.3 से 2.3 लाख करोड़ रुपए तक का निवेश करने की जरूरत होगी। 5G in India