Wednesday, October 23, 2024
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5G Spectrum Auction: सात दिन की बोली में सरकार को मिले 1.50 लाख करोड़ रुपये, जानिए किस कंपनी ने लगाई सबसे अधिक बोली

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5G Spectrum Auction

इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। सात दिनों तक चली 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी सोमवार को समाप्त हो गई है। सरकार को इन सात दिनों तक चली नीलामी में 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक स्पेक्ट्रम नीलामी की बोली प्राप्त हुई है। सरकार ने कुल 72098MHz स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा था। इसमें देश की चार टेलीकॉम कंपनियों द्वारा 51236MHz की बोली लगाई। इस 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी खास बात यह रही कि पिछले साल हुई 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी की तुलना में यह दुगना रही है।

7 दिनों में इतना बिका स्पेक्ट्रम

नीलामी खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मीडिया से सामने आए। इस दौरान उन्होंने प्रेस को बताया कि 5-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी बहुत अच्छे से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 7 दिनों तक चली इस नीलामी में सरकार को 150173 करोड़ रुपये मिलेइसमें कुल 72098MHz स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखे गए थे, जिसमें से 51236MHz की बिक्री हुई।

88 हजार करोड़ से अधिक लगाई जियो ने बोली

उन्होंने कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में सबसे अधिक बोली रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड की ओर से आई। जियो ने 88,078 करोड़ रुपये की बोली लगाई। उसके बाद भारती एयरटेल ने 43,074 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया ने 18,799 करोड़ और सबसे कम बोली अडाणी ग्रुण की अडानी डेटा नेटवर्क लिमिटेड की ओर ने 212 करोड़ रुपये की बोली लगाई।

जियो ने लिया सबसे अधिक स्पेक्ट्रम

उन्होंने बताया कि 5जी स्पेक्ट्रम के लिए रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने 24,740 मेगाहर्ट्ज़ खरीदा है। इसमें 700 MHz, 800 MHz, 1800 MHz, 3300 MHz और 26 GHz शामिल हैं। उसके बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने 6228 मेगाहर्टज़ (1800 MHz, 2100 MHz, 2500 MHz, 3300 MHz & 26 GHz में) लिया है। इसके अलावा भारती एयरटेल ने 19,867 मेगाहर्ट्ज़ (900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 3300 MHz & 26 GHz में) हासिल किया है, जबकि अडानी डेटा नेटवर्क लिमिटेड ने 400 मेगाहर्ट्ज़ प्राप्त किया है, वह भी मिलीमीटर-वेव में।

अडाणी ग्रुप इस राज्यों के लिए स्पेक्ट्रम

इस नीलामी के दौरान उत्तर प्रदेश ईस्ट सर्कल में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए रियालंय जियो और एयरटेल ने खूब बोलियां लगाईं, जबकि अडानी ने गुजरात, मुंबई, कर्नाटक, आन्ध्र, तमिलनाडु और राजस्थान में स्पेक्ट्रम लिया है।

4जी की तुलना में 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी हुई दोगुना

दरअसल, अत्यधिक उच्च गति के मोबाइल इंटरनेट संपर्क की पेशकश करने में सक्षम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की यह राशि पिछले साल बेचे गए 4जी स्पेक्ट्रम की तुलना में दोगुना है। पिछले साल सरकार ने 77,815 करोड़ रुपये के 4जी स्पेक्ट्रम बेचा था। यह राशि 2010 में 3जी नीलामी से मिले 50,968.37 करोड़ रुपये के मुकाबले तीन गुना है। रिलायंस जियो ने 4जी की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक तेज गति से संपर्क की पेशकश करने वाले रेडियो तरंगों के लिए सबसे अधिक बोली लगाई।

इस माह से शुरू हो सकती 5जी सेवा

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 10 अगस्त के पहले तक स्पेक्ट्रम के अलॉटमेंट का काम पूरा होती है। सितंबर के अंत तक या फिर अक्टूबर में देश में 5G की कमर्शियल सेवा शुरू हो जाएगी।

10 बैंड में स्पेक्ट्रम की पेशकश

सरकार ने 10 बैंड में स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी। इसमें 600 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम में कोई बोली नहीं मिली। दो तिहाई बोलियां कंपनियों की ओर से 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज के लिए आई। वहीं, जबकि एक-चौथाई से अधिक मांग 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में आई। आपको बता दें कि यह बैंड पिछली दो नीलामियों (2016 और 2021) में इस बैंड को कोई बोली नहीं मिली थी। अब सरकार इन चार टेलीकॉम कंपनियों को 20 बराबर EMIs में स्पेक्ट्रम की कीमतों को चुकाने की सुविधा देगी। वहीं प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।

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