इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Cyber Crime: आज के युग में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते हुए ही दिखाई दे रहे है इंटरनेट ने जितना हमारे जीवन को आसान बनाया है यह उतने ही बड़े खतरे का रूप भी ले सकता है। डेटा डीलिंग साइबर धोखाधड़ी के व्यवसाय का एक अभिन्न अंग बन गया है। हैकर्स लोगो को ठगने के अब सारे तरीके जानते है और वो अपने हाथो से कोई भी मौका जाने नहीं देते। सीआईडी के इनपुट के अनुसार, एक व्यक्ति के डेटा की कीमत केवल 5 रुपये है।
यह देश है Cyber Crime का विश्वविद्यालय
झारखंड के जामताड़ा शहर को साइबर अपराधियों का विश्वविद्यालय कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि झारखंड के युवा जामताड़ा से साइबर क्राइम की ट्रेनिंग लेते हैं और फिर देश के विभिन्न हिस्सों में फैल जाते हैं।
डेटा की कीमत महज 5 रुपये
सीआईडी के SP S Karthik ने एक बयान में कहा है कि साइबर क्राइम की दुनिया में एक व्यक्ति के डेटा की कीमत महज 5 रुपये है। यह डेटा अपराधियों को बैंक, मॉल, दूरसंचार कंपनियों, बीमा, ज़ेरॉक्स और अन्य स्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। डेटा के बदले में साइबर अपराधी डेटा प्रदाता को मोटी रकम देते हैं।
साइबर सेल को मिली जानकारी
भारत की साइबर सेल को साइबर अपराधियों से जुड़ी अहम जानकारियां मिली हैं। डेटा से पता चलता है कि कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्रों से डेटा केवल 5 रुपये प्रति व्यक्ति पर उपलब्ध कराया जाता है। इस डेटा में पीड़ित का नाम, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण, आधार संख्या और अधिक विवरण शामिल हैं। इस डेटा का उपयोग करके, साइबर अपराधी एक बैंक प्रबंधक या एक बीमा एजेंट का रूप धारण करता है जो पीड़ित को उनके पैसे के लिए धोखा देता है।
साइबर क्राइम से बचने के लिए इन चीज़ो का रखे ध्यान
साइबर अपराध के इस युग में, हम अनुशंसा करते हैं कि आप अपना डेटा कई स्थानों पर स्थानांतरित न करें। यदि कोई स्पैम कॉल आता है जिस पर आपको संदेह है कि वह साइबर अपराधी हो सकता है, तो आप भरोसा नहीं कर रहे हैं और ओटीपी साझा न करें और कोई ऐप इंस्टॉल न करें।
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