Bharatpe
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Bharatpe में कंपनी बोर्ड और को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) के बीच चल रहे विवाद का असर अब ग्राउंड लेवल पर भी दिखने लगा है। कंपनी के सैकड़ों कर्मचारियों में नौकरी छोड़ने को लेकर होड़ सी मच गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक फिनटेक कंपनी के फाउंडर ने कहा है कि पिछले सप्ताह हमें भारतपे के सैकड़ों कर्मचारियों का सीवी मिला है। बताया गया है कि अभी तक हमें भारतपे में कार्यरत 400 से ज्यादा कर्मचारियों के सीवी मिल चुके हैं। यह कर्मचारी बिजनेस, फाइनेंस और सेल्स के कर्मचारी हैं।
आधे कर्मचारी दे चुके इस्तीफा
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारतपे के कुछ कर्मचारी पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और नोटिस पीरियड पर हैं। कंपनी में कुल कर्मचारियों की संख्या 600 से 1000 है और इनमें से करीब आधे कर्मचारी नई नौकरी तलाश करने में जुटे हैं। 400 से ज्यादा कर्मचारियों ने दूसरी फिनटेक कंपनियों और स्टार्टअप में नौकरी के लिए आवेदन किया है।
गौरतलब है कि बीते साल तक भारतपे अपने कर्मचारियों को काम के साथ छुट्टी पर दुबई भेजने, बीएमडब्ल्यू कार बांटकर काबिल कर्मचारियों को रोकने की कोशिश कर रही थी। लेकिन इस साल कंपनी के बोर्ड और को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच वर्चस्व को लेकर जो विवाद शुरू हुआ वो अभी तक जारी है। इसके कारण कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई है और वे दूसरी कंपनियों में विकल्प की तलाश कर रहे हैं।
अशनीर ग्रोवर और बोर्ड के बीच क्या है विवाद
बता दें कि गौरतलब है कि ग्रोवर पिछले महीने कोटक के एक कर्मचारी के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के बाद उठे विवाद और कंपनी के जहरीले वर्क कल्चर व कामकाज के तरीकों पर उठे सवालों के बाद 31 मार्च तक छुट्टी पर चले गए थे।
भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी माधुरी जैन के साथ मिलकर धांधली की है। इस धांधली की जांच करने के लिए कंपनी ने बोर्ड आॅडिट कंपनी नियुक्त कर चुका है। वहीं यह भी जानकारी सामने आई है कि फिनटेक स्टार्टअप भारतपे के फाउंडर और एमडी अशनीर ग्रोवर को बोर्ड जबरदस्ती कंपनी से बाहर निकालना चाहता है।
अश्नीर से कड़े शब्दों में कहा है कि बोर्ड को लगता है कि मुझे एमडी बने रहने की जरूरत नहीं है और किसी और को कंपनी चलानी चाहिए तो कृपया मेज पर 4,000 करोड़ रुपये रखें और मुझे कंपनी से बाहर जाने दें। अशनीर कंपनी के बोर्ड के साथ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार है। इसके लिए उन्होंने तीन बड़ी लॉ फर्मों को हायर भी किया है।
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