Bank License Cancel
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आरबीआई ने खराब वित्तीय स्थिति के मद्देनजर महाराष्ट्र के एक और बैंक का लाइसेंस रद्द किया है। बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र में स्थित मंथा अर्बन कोआपरेटिव बैंक (Mantha Urban Cooperative Bank) का लाइसेंस रद्द किया है। इसकी जानकारी देते हुए आरबीआई ने कहा कि इस क्रम में 16 फरवरी 2022 को बैंक का कामकाज खत्म होने के साथ ही उसके बैंकिंग बिजनेस पर रोक लगा दी गई है।
खाताधारकों के हित में लिया फैसला
RBI ने बयान जारी कर कहा कि बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन ठीक नहीं है। वर्तमान स्थिति में बैंक अपने वर्तमान जमाकतार्ओं को पूरा भुगतान नहीं कर सकता। इस स्थिति में अगर बैंक को अपने बैंकिंग बिजनेस को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो ये खाताधारकों के हित में नहीं होगा। लाइसेंस कैंसिल होने के बाद अब बैंक न तो डिपॉजिट ले सकता है और न ही डिपॉजिट की रिपेमेंट कर सकता है।
विड्रॉल पर 6 महीने की लगी थी रोक
बताया गया है कि RBI ने नवंबर 2020 में मंथा अर्बन कोआपरेटिव बैंक से 6 महीने तक के लिए विड्रॉल पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही कहा था कि बैंक लिखित रूप में भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना, किसी भी लोन और एडवांस को मंजूर या रिन्यू नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा।
क्या होगा खाताधारकों की पूंजी
मंथा अर्बन कोआपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद खाताधारकों के मन में डर है कि बैंक में जमा उनकी पूंजी का क्या होगा। आरबीआई ने बैंक खाताधारकों से कहा है कि उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। लिक्विडेशन पर 99% डिपॉजिटर को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कोपोर्रेशन (DICGC) एक्ट, 1961 के नियम के तहत उनकी जमा पूंजी मिल जाएगी।
5 लाख तक की जमा राशि मिलेगी वापस
जमाकर्ता को DICGC की तरफ से 5 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के बजट में DICGC एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत अगर कोई बैंक अस्थायी रूप से अपने दायित्वों का निर्वाह करने में असफल हो जाता है तो जमाकतार्ओं को आसानी से और समय से अपनी 5 लाख रुपए तक की जमा राशि मिल सके।
Also Read : Share Market Open उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स 125 अंक और निफ्टी 15 अंक नीचे
Also Read : Sea’s Share Fall After Free Fire Ban: भारत में फ्री फायर बैन के बाद सी कंपनी के शेयर्स में आयी भारी गिरावट