Ratan Tata and Cyrus Mistry
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रतन टाटा (Ratan Tata) और साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के बीच विवाद एक बार फिर से शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने साइरस इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड की तरफ से दायर समीक्षा याचिका पर सुनवाई के लिए तारीख तय की है। मामले की सुनवाई 9 मार्च को खुली अदालत में होगी। याचिका में अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी के आदेश को रद्द करने के न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है।
दरअसल, NCLAT ने अपने आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने का आदेश दिया था। NCLAT के इस आदेश को उच्चतम न्यायालय ने पलट दिया था। रतन टाटा के बाद साइरस मिस्त्री को साल 2012 में टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। लेकिन टाटा संस के बोर्ड ने 4 साल बाद ही 2016 में चेयरमैन पद से हटा दिया गया।
इसके बाद NCLAT ने अपने आदेश में साइरस मिस्त्री को 100 बिलियन डॉलर के टाटा ग्रुप (Tata Group) के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद पर दोबारा बहाल करने का आदेश दिया था। NCLAT के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2021 में टाटा ग्रुप के पक्ष में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को कंपनी से बाहर निकाल जाने के टाटा संस के फैसले को सही करार दिया था।
अदालत में मौखिक सुनवाई होगी
इस मामले की सुनवाइ के लिए मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने सहमति व्यक्त की और 9 मार्च को सुनवाई की तारीख तय की है। इस बारे में टाटा संस का प्रतिनिधि वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि समीक्षा याचिका को मौखिक सुनवाई के लिए रखा गया है।
जैसा कि कुछ धाराओं में सुझाव दिया गया है, यह कहना पूरी तरह से गलत है कि समीक्षा याचिका को या तो स्वीकार कर लिया गया है या अनुमति दी गई है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है। सिंघवी ने बताया कि 9 मार्च को अदालत में केवल मौखिक सुनवाई होगी कि समीक्षा याचिका में आगे क्या किया जाना चाहिए?
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