इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आज शेयर बाजार में सेटलमेंट का T+1 सिस्टम (T+1 Settlement System) लागू हो रहा है। शुरूआत दौर में इस सिस्टम के दायरे में कुछ शेयर ही आएंगे। लेकिन धीरे-धीरे बाकी शेयरों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। अभी यह सिस्टम एनएसई और बीएसई दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों के शेयर सौदों पर लागू होगा। आइए जानते हैं T+1 सेटलमेंट सिस्टम क्या है, इसका क्या फायदा है, इनवेस्टर्स के लिए इसका क्या मतलब है?
दरअसल, जब आप शेयर बेचते या खरीदते हैं तो पैसा आपके सेविंग अकाउंट में या शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आने में कुछ समय लगता है। यह प्रक्रिया एक सिस्टम के जरिए पूरा होता है, जिसे सेटलमेंट सिस्टम कहते हैं। अभी इंडिया में T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है। इसका मतलब है कि बाय या सेल के आर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता है। मान लीजिए आपने सोमवार को कोई शेयर खरीदा है तो बुधवार तक ही आपके डीमैट अकाउंट में आएगा।
करीब 19 साल बाद सेबी सेटलमेंट सिस्टम में बदलाव कर रहा है। इससे पहले अप्रैल 2003 में T+3 सेटलमेंट सिस्टम की जगह T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू किया गया था। इसका मतलब है कि तब शेयर आप तक पहुंचने में 3 दिन का समय लग जाता था। T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होने के बाद 24 घंटे के अंदर शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे।
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