Sunday, October 20, 2024
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New Guidelines On Omicron रिस्क देशों के यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहन निकलने की इजाजत नहीं

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New Guidelines On Omicron
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रान ने एक बार फिर से दुनिया में चिंता बढ़ा दी है। ब्रिटेन, फ्रांस समेत विश्व के कई देशों ने अब फिर से सख्ती बरतनी शुरू कर दी और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। वहीं भारत सरकार की ओर से भी इंटरनेशनल यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई।

ये गाइडलाइंस एक दिसंबर दिन बुधवार से लागू होंगी। नई गाइडलाइन के अनुसार यात्री को केंद्र सरकार के एयर सुविधा पोर्टल पर यात्रा करने से पहले अपनी ट्रैवल हिस्ट्री (यात्रा का हिसाब) और निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य है। केंद्र सरकार की ओर से ‘एट रिस्क’ लिस्ट में ब्रिटेन समेत सभी यूरोपीय देश, इजराइल, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर और हांगकांग देशों को शामिल किया गया है।

बताया जा रहा है सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। जोकि अब जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजरायल और हॉन्गकॉन्ग में इसके नए मामले दर्ज किए गए हैं। ब्रिटेन में भी ओमिक्रॉन के दो मामले सामने आने के बाद मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और टेस्टिंग को लेकर सरकार हरकत में आ गई है।

ओमिक्रॉन इंफेक्शन के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान करने वाली स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि ‘मैंने इसके लक्षण सबसे पहले लगभग 30 साल उम्र के व्यक्ति में देखे थे। उन्होंने बताया कि मरीज को बहुत ज्यादा थकान रहती थी।

उसे हल्के सिरदर्द के साथ पूरे शरीर में दर्द की शिकायत थी। उसे गला छिलने जैसी दिक्कत थी। उसे ना तो खांसी थी और ना ही लॉस आफ टेस्ट एंड स्मैल (स्वाद और गंध की क्षमता खत्म होना) जैसा कोई लक्षण दिख रहा था। डॉक्टर ने मरीजों के एक छोटे से समूह को देखकर ही ये प्रतिक्रिया दी थी। अधिकांश व्यक्ति में इसके लक्षण कैसे होंगे, इसे लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट दावा नहीं किया है।

ये हैं New Guidelines On Omicron

* सफर करने से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर 14 दिन के यात्रा का हिसाब का सेल्फ डिक्लयरेशन फॉर्म भरना होगा।
* यात्री को पोर्टल पर अपनी 72 घंटे के अंदर की निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट भी अपलोड करनी होगी।
* भारत में एयरपोर्ट पर यात्रियों को दो कैटेगरी में बांटा जाएगा। पहली कैटेगरी ‘एट रिस्क’ लिस्ट से आने वालों की और दूसरी अन्य देशों के यात्रियों की होगी।
* ‘एट रिस्क’ लिस्ट वाले देशों से आने वाले यात्रियों का एयरपोर्ट पर ही कोरोना टेस्ट किया जाएगा।
* पॉजिटिव कोरोना टेस्ट रिपोर्ट वालों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे और उन्हें आइसोलेशन सेंटर में एडमिट किया जाएगा।
* कोरोना टेस्ट निगेटिव आने पर यात्री को घर पर खुद ही अगले 14 दिन तक अपनी हेल्थ पर नजर रखनी होगी।
* टेस्ट पॉजिटिव आने पर उनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे और एसओपी के लिहाज से यात्री का इलाज होगा।

* नई गाइडलाइंस के तहत बाहर के देशों से भारत में आने वाले यात्रियों से उनकी पिछले 14 दिन की यात्रा का हिसाब का रिकॉर्ड मांगा जाएगा कि वे इस दौरान किस-किस देश में गए हैं। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि यह देखा जा सके कि इस दौरान वे केंद्र सरकार की तरफ से ‘एट रिस्क’ लिस्ट में शामिल देशों में तो नहीं गए। उन्हें निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट भी दिखानी होगी।

* ‘कंट्री एट रिस्क’ लिस्ट से बाहर के देशों से आ रहे यात्रियों को भारत में उतरने पर एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत होगी। ऐसे यात्री 14 दिन तक हेल्थ को सेल्फ मॉनिटर करेंगे। यात्री में से एक सब-सेक्शन (कुल यात्री का 5 फीसदी हिस्सा) का एयरपोर्ट पर उतरने के बाद कोरोना टेस्ट किया जाएगा। यह टेस्ट रेंडम तरीके से होगा।

* ‘एट रिस्क’ लिस्ट वाले देशों से आने वाले यात्री का एयरपोर्ट पर उतरने के बाद अनिवार्य तरीके कोरोना टेस्ट होगा साथ ही इन यात्रियों को एयरपोर्ट में ही टेस्ट रिजल्ट का इंतजार करना होगा। यदि कोरोना टेस्ट निगेटिव है तो उन्हें सात दिन के लिए होम क्वारेंटाइन पर रहना होगा। इसके बाद 8वें दिन दोबारा कोरोना टेस्ट होगा और यदि वह भी निगेटिव आता है तो अगले 7 दिन उन्हें अपनी हेल्थ को सेल्फ-मॉनिटर करने की इजाजत दी जाएगी।

* बताते हैं कि ज्यादा संक्रामक बताए गए डेल्टा वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी का असर दिखाई देता है, जबकि डेल्टा प्लस वैरिएंट पर इस थेरेपी का कोई असर नहीं है, जो कि कोविड-19 इंफेक्शन के शुरूआती चरणों में एक चमत्कारी इलाज माना जाता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के बाद ओमिक्रॉन दूसरा ऐसा वैरिएंट है जिस पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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