List of Sanctions Imposed On Russia
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन युद्ध का असर न केवल पूरी दुनिया पर पड़ रहा है बल्कि स्वयं रूस को भी इस लड़ाई की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। आज युद्ध का 9वां दिन है। इस दौरान रूस की सेना ने यूक्रेन में जमकर तबाही मचाई है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय लेवल पर इसका खामियाजा रूस को भी भुगतना पड़ रहा है।
एक तरफ रूस पर प्रतिबंधों की बाढ़ आ गई है, वहीं रूसी करंसी रूबल भी लगातार कमजोर हो रही है। इसके अलावा 2 मार्च को अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ससंद मे एक भाषण के दौरान कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि रूस में जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं उसका रूस को कितना नुकसान पहुंचेगा।
ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि अब तक रूस पर वो कौन-कौन से प्रतिबंध लगे हैं और इनका रूस पर कितना असर हो रहा है?
प्राइवेट कंपनियों के साथ बिजनेस पर रोक (List of Sanctions Imposed On Russia)
- रूस और यूरोपीय देशों के बीच 2021 वित्त वर्ष में 21.40 लाख करोड़ रुपए का कुल ट्रेड या व्यापार था। यह रूस के कुल ट्रेड का 35.7 फीसदी है। अमेरिका से रूस का साल 2021 में 2.61 लाख करोड़ रुपए ट्रेड रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के ट्रेड को मिला दें तो रूस से कुल 24 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का सलाना ट्रेड होता है।
- वहीं, यूक्रेन की जीडीपी 11.77 लाख करोड़ रुपए का है। मतलब इस युद्ध से रूस को जितना ट्रेड घाटा होने वाला है वह यूक्रेन की कुल जीडीपी से ज्यादा है। हालांकि, इसका असर यूरोपीय देशों पर भी पड़ना तय है। ऐसे में साफ है कि यूरोपीय देशों और अमेरिका के लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूस का करीब 40 फीसदी वैश्विक व्यापार प्रभावित होगा।
बैंकों के वित्तीय लेन-देन पर रोक (List of Sanctions Imposed On Russia)
- सरकारी और प्राइवेट बैंकों पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध से रूस को कितना नुकसान हुआ है। इसे इस बात से समझ सकते हैं कि यूनाइटेड किंगडम में रूस के वीटीबी बैंक के करीब 10.97 लाख करोड़ रुपए सरकार ने जब्त कर लिए हैं।
- यूके की तरह ही अमेरिकी ने भी रूस की टॉप फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट नोवीकॉम, सोवोकॉम, ओटीक्रिटी के 6.05 लाख करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं। कुल 11 देशों में बड़े पैमाने पर रूसी बैंकों के वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाई गई है। वहीं, यूरोपीय देशों में रूस के आधे दर्जन से ज्यादा बैंकों और दूसरी संस्थाओं की संपत्ति जब्त की गई हैं।
- अब तक बैंकों और बिजनेस पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूसी रूबल 30 फीसदी तक टूट चुका है। सिर्फ शॉर्ट टर्म में ही नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म में भी इससे रूस की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने वाला है।
रूस को स्वीफ्ट से बाहर करना (List of Sanctions Imposed On Russia)
- स्वीफ्ट यानी सोसायटी फॉर वर्ल्ड वाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन। यह दुनिया के 200 देशों का एक ऐसा नेटवर्क है, जो करीब 198 से ज्यादा बैंकों के आनलाइन ट्रांजेक्शन को आॅपरेट करता है।
- स्वीफ्ट से अलग किए जाने के बाद अब रूसी सेंट्रल बैंक और अन्य प्रतिबंधित बैंक किसी तरह से वित्तीय लेनदेन दूसरे देश के बैंकों से नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अब रूस के बिजनेसमैन, सरकारी या प्राइवेट कंपनी या फिर रूसी लोगों को दूसरे देश में सामान खरीदने के बाद बिल पे करने में दिक्कत आएगी। इसका सीधा असर रूस के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट पर पड़ेगा।
पुतिन समेत रूस के 195 लोगों पर रोक (Effects Of Sanctions On Russia)
- रूस के रहने वाले 195 लोगों के खिलाफ यूके ने प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें से 9 लोगों की संपत्ति को भी जब्त कर लिया है। वहीं, अमेरिका ने भी पुतिन और उसके परिवार के 6 लोगों को प्रतिबंधित किया है। यूरोपियन यूनियन के देशों ने भी रूस के 26 लोगों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने पुतिन की संपत्ति जब्त करने की बात कही है।
- एक रिपोर्ट अनुसार पुतिन के नाम पर विदेश में कम संपत्ति है। ज्यादातर संपत्ति उनके संबंधियों या उनसे जुड़े लोगों के नाम पर है। साथ ही रूस की बड़ी तेल और गैस कंपनी गाजप्रोम और सर्गुटनेफ्ट गैस में पुतिन का शेयर है।
- ऐसे में अमेरिका और यूरोपीय देश इन कंपनियों से जुड़ी संपत्ति जब्त कर सकती है। इसी तरह रूस के दूसरे बिजनेसमैन या फिर सरकारी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। रूस के ज्यादातर बिजनेसमैन का व्यापार यूरोप में है। वहां उन पर रोक लगने की वजह से उन्हें और उनके देश को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
खेल, मनोरंजन और टेक्नोलॉजी पर लगाई रोक (List of Sanctions Imposed On Russia)
युद्ध के बाद सिर्फ आर्थिक और व्यक्तिगत स्तर पर ही रूस पर रोक नहीं लगी है बल्कि कला और खेल के क्षेत्र में भी रूस दुनिया से बड़े हिस्से से अलग हो गया है। फुटबॉल खेल में रूस दुनिया भर में 35वीं रैंक पर है। 24 फरवरी के बाद इंटरनेशनल फुटबॉल संस्था एफआईएफए और यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन ने रूस पर रोक लगा दिया है।
रूस को फॉमूर्ला वन रेस के आयोजकों ने करारा झटका दिया है। यूक्रेन पर हमला करने की वजह से रूस में अब इस कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। यूके मोटर स्पोर्ट इवेंट में हिस्सा लेने से रूसी टीम को रोक दिया गया है।
क्या 2014 में प्रतिबंधों से रूस की इकोनॉमी पर पड़ा था असर?
- रूस ने जब 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था, तब भी यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे। इसकी वजह से रूस की अर्थव्यवस्था पर काफी ज्यादा असर पड़ा था। 2014 के प्रतिबंधों से पहले, रूस और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार या ट्रेड रूस की जीडीपी का 22 फीसदी और यूरोपीय संघ के जीडीपी का तीन फीसदी था।
- पाबंदियों का असर यूरोपीय यूनियन से ज्यादा रूस की इकोनॉमी पर पड़ा था। दोनों ओर से होने वाला ट्रेड घटकर रूस की जीडीपी का महज 14 फीसदी रह गया था। हालांकि, 2014 में यूरोपीय संघ ने समझदारी के साथ इस तरह से प्रतिबंध लगाए थे कि इससे उनके देशों के निर्यात यानी एक्सपोर्ट पर ज्यादा असर न पड़े। इस बार स्थिति बिल्कुल अलग है। पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने पर यूरोपीय यूनियन की अर्थव्यवस्था पर असर तो पड़ेगा ही, लेकिन रूस की इकोनॉमी पर 2014 से ज्यादा असर पड़ना तय है।
पाबंदियों से रूस को कितना नुकसान? (Effects Of Sanctions On Russia)
यूक्रेन रूस की आपसी लड़ाई का असर सीधे सीधे रूस का अमेरिका और यूरोपीय देशो से 24 लाख करोड़ का नुकसान हो सकता है। क्योंकि बताया जा रहा है कि साल 2021 में रूस का यूरोपीय देशों में 21.40 लाख करोड़ रुपये का ट्रेड था। कहते हैं कि रूस का जितना बिजनेस दुनिया भर में फैला है। उसका 35.7 फीसदी टेÑड यूरोपीय देशों से है। वहीं 2021 में अमेरिका से भी रूस का 2.61 लाख करोड़ रुपये का ट्रेड रहा है।
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