Ukraine Russia War
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
यूक्रेन पर रूसी हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। रूसी सेना ने यूक्रेन में कई स्कूलों की इमारतों को भी नुक्सान पहुंचाया है। इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक दिन पहले पश्चिमी देशों से यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने की गुहार लगाई थी, जिसे नाटो देशों ने ऐसा करने पर मना कर दिया।
वहीं अब जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत कर रूस के खिलाफ बड़ी व ठोस कार्रवाई की अपील की है। जेलेंस्की ने स्वयं ट्वीट कर यह जानकारी दी है। दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। जेलेंस्की ने बताया कि उन्होंने बाइडेन से रूस के खिलाफ पाबंदियां जारी रखने के अलावा उनके देश के लिए वित्तीय मदद व सुरक्षा पर चर्चा की है। इसी के साथ उन्होंने यूक्रेन पर युद्ध रोकने के लिए रूस पर बड़े एक्शन की अपील की।
कीव व अन्य शहरों में रूसी सेना ने की घेराबंदी
गौरतलब है कि रूस पिछले कुछ दिन से यूक्रेन की राजधानी कीव व यूक्रेन के अन्य मुख्य शहरों की घेराबंदी किए हुए है। वह लगातार बमबारी के साथ गोलीबारी कर रहा है और लोग दहशत में हैं। अब तो आम लोगों को मूलभूत चीजें भी पर्याप्त मात्रा में नसीब नहीं हो रही हैं। लगातार हमलों व घेराव के कारण यूक्रेन के शहरों में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई रुक गई है। नतीजतन स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कीव, चोर्निहिब व खार्किव और ओडेसा समेत कई शहरों को घेरकर रूस सेना एक सप्ताह से लगातार हमले कर रही है।
गंभीर मानवीय संकट की आशंका, 15 लाख लोग देश छोड़कर गए
यूक्रेन पर रूस की निरंतर सैन्य कार्रवाई के चलते मानवाधिकार संगठनों ने वहां गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न होने की आशंका जताई है। हालात सुधरता न देखकर यूक्रेन से लाखों लोग पलायन कर चुके हैं। यह संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। लगभग यूक्रेन से अब तक 15 लाख देश छोड़ चुके हैं।
बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए लंबा सफर तय करने पर मजबूर हैं। यूक्रेन के जिन शहरों की रूसी सेनाओं घेराबंदी कर रखी है वहां हवाई हमलों से सावधान करने वाले मकसद से दिन-दात अलर्ट के सायरन बजते रहते हैं। यूक्रेन सेना अब बेबस हो गई और शहरों पर कब्जा बनाए रखना उसके लिए कठिन डगर हो गया है।
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