Crude Oil
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब बिल्कुल भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसी कारण कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतें भी रुकने का नाम नहीं ले रही है। आज कच्चे तेल का भाव 14 साल की उच्चतम स्तर 130 डॉलर पर पहुंच गया है। कच्चे तेल में इस तेजी का मुख्य कारण जहां रूस और यूक्रेन की जंग है, वहीं ईरान से सप्लाई में देरी भी है।
दरअसल, ईरान से होने वाले कच्चे तेल में सप्लाई में देरी की आशंका बढ़ गई है। वहीं अमेरिका, यूरोप और सहयोगी देशों ने रूस ((Russia Ukraine crisis) से तेल नहीं खरीदने का मन बनाया है। इसके कारण डिमांड के मुकाबले सप्लाई काफी कम रह गई और कच्चा तेल 2008 के बाद अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है।
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तेल और गैस आयात के बारे में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का बयान आया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक दिन पहले इस विषय पर अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक की थी। बाइडन और पश्चिमी देशों ने अब तक रूस के ऊर्जा उद्योग पर प्रतिबंध नहीं लगाए हैं ताकि इससे उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर असर नहीं पड़े।
ईरान के साथ कोई हल नहीं निकला
दरअसल, ईरान की न्यूक्लियर डील के क्लाइमैक्स पर पहुंचने की खबर सामने आ रही थी। माना जा रहा था कि 2015 की डील के रिवाइव होने से ईरान पर लगे प्रतिबंध हट जाएंगे और वो दोबारा क्रूड आयल (Crude Oil) की सप्लाई कर सकेगा। जिस कारण क्रूड आयल के दामों में मामूली गिरावट आई थी लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ईरान के तेल को मार्केट में आने में टाइम लग सकता है। इसी कारण आज सोमवार को क्रूड आयल 130 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया।
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