Mustard Oil Price
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन के बीच 14 दिन से जारी जंग के कारण कच्चे तेल के भाव 7वें आसमान पर हैं। वहीं क्रूड आयल के कारण महंगाई भी बढ़ रही है जिसकी मार सीधे आम लोगों पर पड़ती है। लेकिन भारत में सरसों के तेल को लेकर थोड़ी राहत भरी खबर है। सरसों के नई फसल की आवक बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन की कीमतों में कमी आई है।
भारत में पहले से ही पेट्रोल-डीजल के दाम 7वें आसमान पर हैं, दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सरसों के तेल में गिरावट आने से लोगों को राहत मिलने के आसार हैं। भारत में आयातित तेलों के मुकाबले सरसों का दाम लगभग 5-7 रुपए किलो नीचे हो गया है। सीपीओ और पामोलीन जैसे आयातित तेलों के दाम आसमान छू रहे हैं।
इतना ही नहीं, इसके लिवाल भी कम हैं। ऐसी स्थिति में कौन इन तेलों का आयात करने का जोखिम मोल लेगा जब घरेलू तेल आयातित तेलों से सस्ते हों। जैसे-जैसे सर्दी घटेगी तो सरसों के तेल के रेट भी तेजी से गिरेंगे। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट 2022-23 में तेल तिलहन की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राहत दी है।
सरसों दाने का कीमत 150 रुपए प्रति क्विंटल घटी (Mustard Oil Price)
जानकारी के मुताबिक कि मंडियों में सरसों की नई फसल की आवक बढ़ने के बाद बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 7,500-7,725 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जो पिछले सप्ताहांत 7,650-7,675 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 175 रुपये की गिरावट के साथ समीक्षाधीन सप्ताहांत में 15,225 रुपये क्विंटल रह गया।
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