FPI Withdrawals
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में अब तक एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 45,608 करोड़ रुपये शुद्ध रूप से निकाल लिए हैं।
2 से 11 मार्च के दौरान FPI ने शेयरों से 41,168 करोड़ रुपये निकाले हैं। इसके अलावा उन्होंने ऋण या बांड बाजार से 4,431 करोड़ रुपये तथा हाइब्रिड माध्यमों से नौ करोड़ रुपये की निकासी की है। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 45,608 करोड़ रुपये रही है। यह लगातार छठा महीना है जब एफपीआई भारतीय बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं।
इस बारे में जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई मान रहे हैं कि जिंस कीमतों में तेजी से भारत अधिक प्रभावित होगा। इसकी वजह यह है कि भारत कच्चे तेल का प्रमुख आयातक है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से एफपीआई वित्तीय और आईटी कंपनियों के शेयर बेच रहे हैं। इसकी वजह है कि एफपीआई के पोर्टफोलियो में सबसे अधिक इन्हीं शेयरों की हिस्सेदारी है।
इन देशों में भी एफपीआई की निकासी (FPI Withdrawals)
जानकारी के मुताबिक एफपीआई ने न केवल भारतीय शेयर बाजार से बल्कि ताइवान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलिपीन से भी इस महीने क्रमश: 708.9 करोड़ डॉलर, 266.5 करोड़ डॉलर, 42.6 करोड़ डॉलर और 2.6 करोड़ डॉलर की निकासी हुई है। वहीं थाइलैंड के बाजारों में एफपीआई ने 10.2 करोड़ डॉलर डाले हैं।
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