Monday, January 13, 2025
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Edible Oil Prices Improved : विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद देश में खाद्य तेल के भाव में हुआ सुधार

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Edible Oil Prices Improved
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

रूस यूक्रेन युद्ध के कारण सूरजमुखी तेल की आवक काफी कम है। इसलिए इस तेल की आपूर्ति अर्जेंटीना से हो रही है। सूरजमुखी तेल का दाम अर्जेंटीना में बढ़कर 2,300 डॉलर प्रति टन हो गया है। अत: विदेशी बाजारों में खाद्य तेल (Edible Oil) की कीमतों में तेजी है। लेकिन इसके उल्ट भारत में बीते सप्ताह तेल-तिलहन बाजारों में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सीपीओ सहित लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव सुधार के साथ बंद हुए हैं।

भारत 60 प्रतिशत आयात करता खाद्य तेल (Edible Oil Prices Improved)

Edible Oil Prices Improved

जानकारी के मुताबिक भारत अपनी खाद्य तेल जरूरतों का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है। यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच पिछले लगभग डेढ़ महीने से मंडियों में सूरजमुखी तेल की आवक नहीं हो रही है। जो सूरजमुखी तेल थोड़ी बहुत मात्रा में आ भी रहा है, उसे अर्जेंटीना से आयात किया जा रहा है।

यूक्रेन और रूस करते हैं सूरजमुखी तेल का 80 प्रतिशत निर्यात

गौरतलब है कि सूरजमुखी तेल की वैश्विक आवश्यकता के लगभग 80 प्रतिशत भाग की आपूर्ति यूक्रेन और रूस करते हैं। लेकिन दोनों देशों के बीच पिछले लगभग 3 हफ्तों से महायुद्ध चल रहा है। इस कारण उक्त दोनों देशों से सूरजमुखी की अगली बिजाई प्रभावित होने की आशंका है।

देश के इन राज्यों में होती थी मूंगफली की अच्छी पैदावार

जानना जरूरी है कि 1980 के दशक में हरियाणा, पंजाब में सूरजमुखी और उत्तर प्रदेश के बरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी तथा लखनऊ में मूंगफली की अच्छी पैदावार होती थी। इसके अलावा दक्षिण भारत में भी हर दूसरे महीने सूरजमुखी की मंडियों में भारी आवक होती थी जो अब बंद हो गयी है।

वर्ष 1987 के सूखे के कारण गुजरात में जब मूंगफली की फसल प्रभावित हुई तो आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में होने वाले मूंगफली की पैदावार ने मूंगफली की कमी को दूर करने में भारी मदद की थी। दक्षिण भारत का मौसम सूरजमुखी की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसलिए इन पारंपरिक तिलहन उत्पादक स्थानों पर फिर से सूरजमुखी और मूंगफली खेती को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिये।

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