Subsidy On Agricultural Machinery
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
किसानों के लिए सरकार अक्सर किसी योजना का ऐलान करती रहती है, जिससे किसानों को फायदा हो सके। इसी के तहत सरकार किसानों के लिए कृषि यंत्रों पर भी सब्सिडी प्रदान करती है। लेकिन इसमें भी किसानों को कई तरह की दिक्कतें आती हैं।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी से संबंधित समस्या का दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने राज्य में विभिन्न कृषि योजनाओं के तहत कृषि उपकरण उपलब्ध करवाने के इच्छुक कृषि यंत्र निमार्ताओं और डीलरों को अपने सभी कृषि उपकरणों व यंत्रों पर अधिकतम विक्रय मूल्य यानि एमआरपी अंकित करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसानों को पहले ही पता चल सके की कृषि यंत्र की कीमत क्या है और उसे अनुदान में कितनी राशि मिलेगी। इससे कृषि यंत्र बाजार में पारदर्शिता भी आएगी।
कई कृषि यंत्रों पर नहीं होती एमआरपी
दरअसल, देश में अलग-अलग कंपनियों द्वारा कृषि यंत्रों का निर्माण किया जाता है। इनमें से कई कृषि यंत्रों की खरीद के लिए किसानों को सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है ताकि किसानों को सस्ते में कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकें। कृषि यंत्रों पर कृषि यंत्रों की एमआरपी नहीं लिखी होती है। इस कारण किसानों को कृषि यंत्रों के दामों और कंपनी के संबंध में जानकारी नहीं मिल पाती है।
कंपनियों को देनी पड़ेगी एमआरपी
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुताबिक अब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कृषि उपकरणों पर एमआरपी अंकित करने की अनिवार्यता के संबंध में जारी दिशा-निदेर्शों के मद्देनजर यह निर्देश जारी किए गए हैं। निर्माता कंपनी को कृषि यंत्र पर एमआपी अंकित करनी होगी।
इसके अलावा कृषि यंत्र निमार्ता और डीलर अपने विनिर्माण स्थल, डीलरशीप और कंपनी की वेबसाइट पर कृषि उपकरणों के एमआरपी प्रदर्शित करेंगे। कृषि यंत्र निमार्ता यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा वेबसाइट पर प्रदर्शित एमआरपी और डीलरों द्वारा उनकी डीलरशीप पर प्रदर्शित मूल्य में कोई अंतर नहीं हो।
एमआरपी नहीं लिखी तो होगी कार्रवाई
बताया गया है कि कृषि यंत्र निमार्ताओं को 10 दिनों के भीतर अपनी मशीनों का एमआरपी कृषि निदेशालय को jdaehry@gmail.com पर उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि मशीनों के एमआरपी के विवरण को समय पर विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जा सके। इन दिशा-निदेर्शों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में संबंधित कृषि यंत्र निमार्ता व डीलर विभागीय योजनाओं में मशीन सप्लाई करने के पात्र नहीं रहेंगे।
जानकारी होने पर किसानों को होगा फायदा
कृषि यंत्रों पर उनकी कीमत लिखी होने से किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्रों के लिए आवेदन करते समय स्पष्टता होगी कि कौन सी कंपनी का कृषि यंत्र कितने रुपए का है और सब्सिडी के बाद वह उसे किस कीमत पर ये कृषि यंत्र पड़ेगा। इसके अलावा किसानों को निमार्ताओं की भी जानकारी मिलेगी जिससे भविष्य में किसी प्रकार की समस्या आने पर वह आसानी से उस निर्माता या डीलर से संपर्क कर सकेगा।
हरियाणा में 50 प्रतिशत तक मिलती है सब्सिडी
हरियाणा में कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को राज्य सरकार 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी कृषि यंत्र खरीदने पर दी जाती है। राज्य सरकार की ओर से रोटावेटर, टबोर्सीडर, मल्टीक्रोप थ्रेशर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, मेज प्लांटर, पावर नेपसेक स्प्रेयर एवं लेजर लेंड लेवलर आदि पर सब्सिडी प्रदान की जाती है।
सब्सिडी के लिए ऐसे करें आवेदन
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए किसान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.agriharyanacrm.com) पर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको आनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन के लिए किसान को कुछ जरूरी दस्तावजों की आवश्यकता होती है, जैसे- आधार कार्ड, पेन कार्ड, परिवार पहचान पत्र, खेती की जमीन के कागज, बैंक खाता विवरण, खाता नंबर, मोबाइल नंबर आदि।
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