Affordable Housing Segment
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कुल आवास बिक्री में पिछले साल 2021 में 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले किफायती मकानों का हिस्सा घटकर 43 प्रतिशत रह गया। इस बात का खुलासा रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट में हुआ है।
बता दें कि साल 2020 में यह 48 प्रतिशत था। लेकिन 2021 में यह 5 प्रतिशत और घट गया। हालांकि 75 लाख रुपये से ऊपर की आवासीय इकाइयों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से बढ़कर 31 प्रतिशत पर आ गई।
प्रॉपटाइगर ने इनसाइट रेजिडेंशियल-एनुअल राउंड-अप 2021 शीर्षक से जारी एक रिपोर्ट में कहा कि 8 प्रमुख आवास बाजारों में मकानों की बिक्री वर्ष 2021 में 13 प्रतिशत बढ़कर 2,05,936 इकाई हो गई, जो इससे पिछले वर्ष में 1,82,639 इकाई थी। आंकड़ों के मुताबिक भारत के 8 प्रमुख आवास बाजारों में कुल बिक्री में 43 प्रतिशत हिस्सा 45 लाख रुपए तक के मकानों का था।
इन कीमत के मकानों की हिस्सेदारी बढ़ी (Affordable Housing Segment)
वहीं 45 लाख से 75 लाख रुपये के मूल्य वर्ग के मकानों की हिस्सेदारी 2021 में 27 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 2020 में 26 प्रतिशत थी। इस रिपोर्ट के अनुसार 75 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के अपार्टमेंट की हिस्सेदारी पहले के 9 प्रतिशत से बढ़कर 11 हो गई। एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले मकानों की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई।
हाउसिंग डॉटकॉम, प्रॉपटाइगर डॉटकॉम एवं मकान डॉटकॉम समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि सरकारी सब्सिडी के अलावा, आवास ऋण पर ब्याज की कम दरें भी 2021 में देश में घरों की बिक्री के लिये एक प्रमुख कारण रही हैं।
इसके अलावा अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम 2022 में भी विशेष रूप सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किफायती घरों के मामले में आवासीय बाजार में और अधिक तीव्र गतिविधियां देखने की उम्मीद कर रहे हैं।
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