Fitch Ratings
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने भारत के ग्रोथ अनुमान को 10.3 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया है। फिच ने रूस और यूक्रेन के बीच च रहे युद्ध (Russia Ukraine war) का हवाला दिया और इस युद्ध के कारण ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी से भारत की ग्रोथ कम होने का अनुमान जताया है।
वहीं रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए GDP विकास के अनुमान को 0.6 प्रतिशत बढ़ाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने कहा है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट में कमी आने के कारण लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी गई है जिससे इस साल जून की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (India GDP) में वृद्धि आ सकती है।
एजेंसी ने कहा कि दिसंबर तिमाही में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ बहुत मजबूत थी। जीडीपी अपने पूर्व-महामारी स्तर से 6 फीसदी से अधिक है। लेकिन अब यह अपने पूर्व-महामारी ट्रेंड से काफी नीचे है।
फिच के मुताबिक कोविड-19 महामारी की रिकवरी संभावित रूप से भारी वैश्विक आपूर्ति झटके से प्रभावित हो रही है जो विकास को कम करेगी और मुद्रास्फीति को बढ़ाएगी। वही यूक्रेन पर हमले के विरोध में रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों से वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति खतरे में है। ऐसा लग रहा है कि रूस पर लगाए गए इन प्रतिबंधों को किसी भी समय जल्द ही रद्द किए जाने की संभावना नहीं है।
तेल की कीमतों में उछाल से उद्योग की लागत बढ़ेगी
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रूस दुनिया की लगभग 10 प्रतिशत ऊर्जा की आपूर्ति करता है, जिसमें उसकी प्राकृतिक गैस का 17 प्रतिशत और तेल का 12 प्रतिशत शामिल है। तेल और गैस की कीमतों में उछाल से उद्योग की लागत बढ़ेगी और उपभोक्ताओं की वास्तविक आय में कमी आएगी । इस वजह से फिच ने विश्व सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के अनुमान को 0.7 प्रतिशत अंक घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया।
मूडीज ने भी घटाया था वृद्धि अनुमान
बता दें कि इससे पहले, मूडीज ने भी चालू वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को 9.5 फीसदी से घटाकर 9.1 फीसदी कर दिया था। एजेंसी ने अपने वैश्विक व्यापक परिदृश्य 2022-23 में कहा कि भारत की वृद्धि दर 2023 में 5.4 फीसदी रह सकती है।
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