Wonder Cement Flouting The Rules
इंडिया न्यूज, चित्तौड़गढ:
Wonder Cement Flouting The Rules: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा के संगरिया गांव में मौजूद वंडर सीमेंट (Wonder Cement) की फैक्ट्री में नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। इस फैक्ट्री में लगातार नियमों को ताक पर रखकर अरावली की पहाड़ियों (Aravalli Hills) को मिट्टी में तब्दील किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की रोक के बावजूद वंडर सीमेंट यहां पर अवैध माइनिंग कर रहा है।
यहां पर मौजूद किसानों से सस्ते दामों पर जमीनें बेचने का दबाव बनाया जा रहा है। इतना सब होने के बावजूद प्रशासन आंख बंद करके बैठा है।एक जमाने में हरियाली से सराबोर रहने वाला निम्बाहेड़ा अब वीरान शहर में बदल गया है। यहां मौजूद वंडर सीमेंट की फैक्ट्री से निकलते जहरीले धुएं ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है।
यहां हो रही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और सीमेंट फैक्ट्री की वजह से उड़ने वाली धूल से अब यहां सिर्फ बंजर जमीन देखने को मिलती है। फैक्ट्री से निकलते प्रदूषण ने न सिर्फ यहां रहने वाले लोगों की सेहत पर असर डाला है, बल्कि खेती भी नाममात्र की रह गई है।
बीमारियों से जूझ रहे निम्बाहेड़ा के लोग
यहां मौजूद लोगों का कहना है कि इस फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं और मिट्टी उनके घरों की छतों पर जम जाती है। इस उड़ती धूल से मवेशियों के चारे को बचाने के लिए ढक कर रखते हैं। फैक्ट्री के लोगों ने दादागिरी कर उनके खिलाफ उठने वाली आवाज को दबा रखा है।
वंडर सीमेंट ने न तो यहां के लोगों को रोजगार दिया और न ही उनके हित में कोई काम किया, सिवाए सांस न लेने वाली बीमारी के। इस फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण की वजह से गांव के लोगों पर सिलिकोसिस नाम की एक खतरनाक बीमारी का खतरा मंडरा रहा है।
फैक्ट्री में माइनिंग की वजह से कई घरों की छतें ढही
वंडर सीमेंट फैक्ट्री लगातार अरावली का सीना छलनी करती रहती है। जिससे यहाँ मौजूद घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ जाती है। फैक्ट्री में होने वाली माइनिंग की वजह से कई घरों की छतें तक ढह चुकीं हैं। फैक्ट्री के मैनेजमेंट के लोग यहां के किसानों पर दबाव बना कर सस्ते दामों पर उनसे जबरदस्ती जमीन खरीदते हैं, और उन्हें चुप रहने के लिए धमकाया भी जाता है। पिछले 15 सालों में इस फैक्ट्री ने संगरिया गांव में एक भी विकास का कार्य नहीं करवाया है।
गांव की सड़कों में जगह जगह गड्ढे बने हुए हैं, जिनमें गंदा पानी भरा रहता है। इस गांव में घरों से गंदा पानी निकलने के नालियां तक नहीं हैं। गांव में बिजली तो है लेकिन रात के समय सड़कों पर रोशनी नहीं होती।
Also Read: Punjab Budget : पंजाब विधानसभा में 37,120 करोड़ रुपए का लेखानुदान पारित