Supreme Court Decision Corona Death Compensation
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कोरोनावायरस से जुड़ी मौत का मुआवजा पाने के लिए किए झूठे दावे दाखिल करने वालों की अब जांच होगी। देश की शीर्ष अदालत ने आज ये फैसला सुनाया है कि केंद्र सरकार कोरोना से मौत का मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच करें।
इसके तहत आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल में दाखिल हुए 5 फीसदी दावों की समीक्षा की जाएगी। कोर्ट का कहना है कि इन राज्यों से आए आवेदन व इन स्टेट में हुई कोविड से से मौतों के मामलों में काफी अंतर है। गौरतलब है कि कोरोना से हुई मौतो पर मुआवजे के तौर पर 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान है।
वहीं अदालत ने 28 मार्च तक कोरोना से होने वाली मौत के मुआवजे का दावा करने समय सीमा 60 दिन तय की है। इसके बाद कोरोना से होने वाली मौत का मुआवजा पाने के लिए दावा 90 दिन के भीतर ही करना होगा।
बता दें कि इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई हुई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोविड-19 की वजह से हुई मौत के मामले में प्राधिकारियों से मुआवजे का भुगतान का दावा करने के लिए केंद्र द्वारा चार हफ्तों की समयसीमा देना पर्याप्त नहीं है। जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बी वी नागरत्न की पीठ ने संकेत दिया था कि ऐसे सभी लोगों को 60 दिन का समय दिया जाएगा जो निर्धारित तिथि पर मुआवजे के लिए आवेदन देने के योग्य हैं और भविष्य के दावाकतार्ओं को 60 दिनों का वक्त दिया जाएगा।
देश में शुरू से लकर अब तक हो चुकी है 5 लाख लोगों की मौत
गौरतलब है कि कोविड-19 की दूसरी लहर में देश में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। दूसरी लहर में दैनिक मामलों का आंकड़ा भी साढ़े चार लाख से ऊपर चला गया था। हालांकि कोविड की थर्ड वेव में भी संक्रमण के दैनिक मामलों का आंकड़ा इतना ही गया था, सेकेंड वेव तुलना में थर्ड वेव की अवधि कम रही थी। हमारे देश में कोरोना से शुरू से लेकर अब तक पांच लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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