Monday, October 21, 2024
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Multiple Savings Account Disadvantages 2 से ज्यादा सेविंग्स अकाउंट्स हैं तो हो सकता है नुक्सान

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इंडिया न्यूज, अंबाला।

Multiple Savings Account Disadvantages : आज के समय में हर व्यक्ति अपने कम से कम 2 सेविंग्स अकाउंट्स तो रखता ही है। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनको रोजगार के सिलसिले में कई बार अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर में भी जाना पड़ता है जहां 2 से भी ज्यादा बैंक अकाउंट्स खुलवाने पड़ते हैं।

हर कंपनी का किसी न किसी बैंक से टाईअप होता है। कई लोग इसके फायदे में यह बताते हैं कि एटीएम से ज्यादा ट्रांजेक्शन, एक बैंक में कम तो दूसरे में ज्यादा ब्याज रहने का फायदा।

मल्टीपल चेकबुक की सुविधा मिल जाती है। आपके पास मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट्स हैं तो हर अकाउंट में मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत रहती है लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट्स के कुछ नुकसान भी हैं।

ट्रांजेक्शन न होने पर डार्मेंट अकाउंट (Multiple Savings Account Disadvantages)

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मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट्स में एक दिक्कत यह है कि आपको मिनिमम बैलेंस के साथ-साथ रेग्युलर ट्रांजैक्शन भी करते रहना चाहिए।

भले ही आपने अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखा हो लेकिन अगर उस अकाउंट से एक लंबे वक्त से ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है तो अकाउंट डॉर्मेंट हो जाता है।

अगर कस्टमर 24 महीने तक अपने अकाउंट में कोई ट्रांजैक्शन नहीं करता तो बैंक उस अकाउंट को डॉर्मेंट अकाउंट घोषित कर देगा। ऐसे में अगर आपको इस अकाउंट को फिर से चालू कर सकते हैं।

इसके लिए आपको बैंक में लिखित में एप्लिकेशन देनी होती है। इसके साथ ही आपको केवाईसी फार्म भरना होगा। आपके डॉर्मेंट अकाउंट को फिर से एक्टिव करने के लिए बैंक कोई चार्ज नहीं लेता।

नियमों के मुताबिक एक बैंक अकाउंट के डॉर्मेंट होने के बाद भी उसके अकाउंट में डिपॉजिट सेफ रहता है और समय-समय पर ब्याज भी जुड़ता रहता है।

हर अकाउंट में मिनिमम बैलेंस (Multiple Savings Account Disadvantages)

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सभी बैंकों के रेगुलर सेविंग्स अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस का नियम लागू है। ऐसे में जो अकाउंट आप इस्तेमाल नहीं कर रहे, उनमें भी एक निश्चित डिपाजिट रखना होगा।

इस समय सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज 3 फीसदी से भी नीचे है। अगर आप सभी अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस बरकरार नहीं रख पाते तो आपको बैंक के नियमों के मुताबिक तय पेनल्टी देनी पड़ती है।

अगर कम बचत खाता है तो मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने का झंझट कम होगा। उन पैसों को दूसरी जगह जैसे कि एफडी, शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड में निवेश कर ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं।

आईटीआर फाइलिंग में भी दिक्कत (Multiple Savings Account Disadvantages)

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मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट इंकम टैक्स फाइलिंग में भी दिक्कत कर सकते हैं क्योंकि आपको रिटर्न फाइलिंग में हर अकाउंट की डिटेल देनी पड़ती है।

ऐसे में मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट से यह टेंशन बढ़ जाएगी। अगर गलती से किसी अकाउंट की डिटेल देना छूट गया और इंकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसे टैक्स की चोरी समझ लिया तो पेनल्टी या टैक्स नोटिस का सामना भी करना पड़ सकता है।

मेंटेनेंस फीस और सर्विस चार्ज (Multiple Savings Account Disadvantages)

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बैंकों में कई ऐसी फीस व चार्जेज होते हैं जिनका आमतौर पर कस्टमर को पता नहीं होता। ऐसे में अगर उसके पास मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट हैं तो उसे ज्यादा चार्ज देना होगा।

बैंक कस्टमर से अकाउंट के लिए एक सालाना मेंटेनेंस फीस और सर्विस चार्ज लेते हैं। ऐसे में अगर आपके मल्टीपल बैंक अकाउंट हैं तो हर अकाउंट पर चार्ज और फीस देनी होगी।

अगर आपने हर अकाउंट के लिए डेबिट या एटीएम कार्ड ले रखा है तो उसकी फीस देनी होगी, जो खर्च को और बढ़ा देती है। Multiple Savings Account Disadvantages

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