Cryptocurrency
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नियमों को सरकार कड़ा करने का प्रस्ताव लेकर आ रही है। वित्त मंत्रालय की ओर से वित्त विधेयक 2022 में क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियमों को और अधिक सख्त करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें कहा गया है कि वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (VDA) के अंतरण से होने वाले घाटे की अन्य डिजिटल संपत्तियों के ट्रांसफर से होने वाली इनकम के जरिये भरपाई की अनुमति नहीं होगी।
वित्त विधेयक के मुताबिक वर्चुअल डिजिटल संपत्ति कोई कोड या संख्या अथवा टोकन हो सकती है, जिसे ट्रांसफर किया जा सकता है। इस संपत्ति को संभालकर रखा जा सकता है और इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वीडीए में क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (एनएफटी) शामिल है, जिसके प्रति हाल के दिनों में आकर्षण बढ़ा है।
बजट में की थी 30 प्रतिशत आयकर की घोषणा
बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में भी क्रिप्टो संपत्ति पर आयकर लगाने को लेकर चीजें स्पष्ट की गई हैं। 1 अप्रैल से ऐसे लेन-देन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ उपकर और अधिभार लगाया जाएगा। साथ ही, वीडीए के हस्तांतरण से आय की गणना करते समय, किसी भी खर्च (अधिग्रहण की लागत के अलावा) या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।
TDS के लिये सीमा निर्धारित व्यक्तियों के लिये 50,000 रुपये सालाना होगी। एक प्रतिशत TDS लगाने का प्रस्ताव एक जुलाई, 2022 से प्रभाव में आएगा। इसके अलावा बजट में एक साल में 10,000 रुपये से अधिक आनलाइन डिजिटल मुद्रा भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने का भी प्रस्ताव है। वहीं संपत्ति उपहार देने पर भी कराधान का प्रस्ताव किया गया है।
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