इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Railway Earning कोरोना के चलते पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय रेलवे को जो नुकशान हुआ है। उसकी भार पाई इस वित्त वर्ष 2021-22 में भी नहीं हो पाई है। रेलवे की सबसे ज्यादा कमाई यात्रियों के टिकटों के जरिए ही होती है। जो पिछले वित्त वर्ष से लगातार कर गिरी हुई है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले इस वित्त वर्ष 2020-21 में कुछ यात्री के टिकटों में वृद्धि हुई है। वहीं, रेलवे का 2019-20 का वित्त वर्ष कोरोना की भेंट चढ़ गया था,लेकिन इस दौरा में रेलवे ने काफी कमाई की थी।
केंद्र सरकार द्वारा संसद में जारी शीतकालीन सत्र लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी गई जानकारी में पता चला है कि रेलवे ने साल 2019-20 के मुकाबले वित्त वर्ष 2020-21 में रेलवे की यात्री टिकटों की बिक्री में 35,421 करोड़ रुपये की भारी कमी आई है,जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में रेलवे ने यात्री टिकटों की बिक्री से कुल 50,669.09 करोड़ रुपये की कमाई की थी। वित्त वर्ष 2020-21 टिकटों की बिक्री से कमाई 15,248.49 करोड़ रुपये की और इस वित्त वर्ष में सितंबर तक के छह महीने में 15,434.18 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
पिछले वित्त वर्ष में रेलवे प्लेटफॉर्म टिकटों से की थी भारी कमाई Railway Earning
एक प्रश्न के उत्तर में लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे में वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 2020-21 के वित्त वर्ष में रेलवे प्लेटफॉर्म टिकटों में भारी कमी दर्ज हुई है। जहां रेलवे में वर्ष 2019-20 प्लेटफॉर्म टिकटों से 166.87 करोड़ रुपये की कमाई थी। वहीं इस बार के वित्त वर्ष 2020-21 प्लेटफॉर्म टिकटों से मात्र15.48 करोड़ रुपये की ही कमाई हो पाई है। इस वित्त वर्ष यानी में सितंबर तक के छह महीनों में रेलवे को प्लेटफॉर्म टिकट से 60.79 करोड़ रुपये की आय हुई।
2020-21 के वित्त वर्ष में रेलवे के मद मे हुई बचत Railway Earning
इसके अलावा कोरोना काल में रेलवे की मद में भी बचत हुई है। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे यात्रियों को कई मद में रियायतें देती है। मतलब, रेलवे के किराये पर भारत सरकार को सब्सिडी देनी पड़ती है। अगर वित्त वर्ष 2019-20 मद में रेलवे को जहां 2059 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं, यह नुकसान 2020-21 के वित्त वर्ष महज 38 करोड़ रुपये का हुआ है।
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