India Ratings
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। कमोडिटी की बढ़ रही कीमतें, कंज्यूमर इन्फ्लेशन के बढ़ने के कारण कंज्यूमर सेंटीमेंट और भी कमजोर हो सकते हैं। इसी के तहत रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की GDP ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 7 से 7.2 फीसदी कर दिया है।
इससे पहले एजेंसी ने भारत की GDO Growth Rate का अनुमान 7.6 प्रतिशत जताया था। लेकिन यूक्रेन संकट की वजह से बाजार में अनिश्चितता है। इसी कारण फिलहाल इंडिया रेटिंग्स ने विकास दर के अनुमान में कटौती की है। दरअसल, 2021-22 में उपभोक्ता मांग कमजोर रही है। त्योहारी सीजन में रोजमर्रा के सामान की मांग थोड़ी बढ़ी थी लेकिन इंफ्लेशन को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है कि यह मांग बनी रहेगी।
इंडिया रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट देवेंद्र पंत और प्रिंसिपल अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमतें 3 महीने तक ऊंचे स्तर पर रहती है तो वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी की वद्धि 7.2 फीसदी रह सकती है। यदि कीमतें इसके बाद भी कम नहीं होती तो जीडीपी ग्रोथ रेट और भी कम यानी 7 प्रतिशत रहेगी।
ये दोनों ही आंकड़े जीडीपी ग्रोथ रेट के पहले के 7.6 फीसदी के अनुमान से कम हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले वित्त वर्ष में इन दो सिनेरियो में अर्थव्यवस्था का आकार 2022-23 के जीडीपी ट्रेंड वैल्यू की तुलना में क्रमश: 10.6 प्रतिशत और 10.8 फीसदी कम रहेगा।
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