ICMR Statement On Covid 19
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर लगभग खत्म होने के कागार पर है। 2 साल में देश ने 3 कोरोना लहरों को झेला है। सबसे खतरनाक दूसरी लहर थी। लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की बदौलत उस पर भी काबू पाया गया। वहीं अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने प्रतिक्रिया दी है।
शनिवार को आईसीएमआर की वैज्ञानिक प्रज्ञा यादव ने कहा कि बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीनेशन और इसके नए वैरिएंट पर शोध ऐसे कारण थे, जिस कारण हमने ओमिक्रॉन जैसे नए वैरिएंट को भी काबू कर लिया। उन्होंने कहा, ओमिक्रॉन को लेकर भी काफी आशंकित थे लेकिन जनवरी के बाद हमें इसमें बहुत राहत मिली।
(ICMR Statement On Covid 19) उस समय ज्यादातर मामले अलक्षणी व हल्के लक्षण वाले पाए गए थे तब हमने राहत की सांस ली। प्रज्ञा यादव ने बताया कि मौत की कम दर के साथ कोविड संस्करण प्रभावशाली नहीं था। बता दें कि पिछले कई दिन हर रोज कोरोना के दैनिक मामले कम हो रहे हैं और इसे देखते हुए कोविड गाइडलाइंस में भी ढील भी दी जा रही है।
विषम मिश्रित वैक्सीन की खुराक पर नहीं किया कोई नैदानिक टेस्ट
प्रज्ञा यादव ने कहा, भारत ने अब तक विषम मिश्रित वैक्सीन की खुराक पर कोई नैदानिक टेस्ट नहीं किया है। वहीं अमेरिका में इस पर दो अध्ययन किए गए थे, जिनमें बेहतर रोग प्रतिरोध क्षमता सामने आई थी। उत्तर प्रदेश में भी जिन लोगों को मिश्रित खुराक दी गई थी, उनमें भी उसी तरह के लक्षण दिखे थे।
एनआईवी ने तुरंत शुरू कर दी थी परीक्षण की तैयारी (ICMR Statement On Covid 19)
(ICMR Statement On Covid 19) प्रज्ञा यादव ने कहा, जैसे ही चीन ने अपने शुरुआती कोरोना के मामलों की रिपोर्ट जारी करना आरंभ की थी, वैसे ही एनआईवी ने परीक्षण की तैयारी आरंभ कर दी थी और चीन के वुहान से लौटे छात्रों में भारत में पहले तीन मामलों का पता लगाया गया था। आईसीएमआर (ICMR) की वैज्ञानिक ने कहा, हमें पता था कि महामारी आ रही है और भारत को इससे निपटने के लिए संसाधन जमा करने होंगे। इसी को देखते हुए हमने संसाधन इकट्ठे करने शुरू किए।
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