Foreign Portfolio Investors
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से भारत सहित विश्व के कई देशों के शेयर बाजारों में अस्थिरता है। इसी कारण भू-राजनीतिक चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) ने लगातार छठे महीने भारतीय बाजार में बिकवाली जारी रखी है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल तथा मुद्रास्फीति की वजह से निकट भविष्य में भी एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने पिछले महीने शेयर बाजारों (Share Market) से शुद्ध रूप से 41,123 करोड़ रुपए की निकासी की है। इससे पहले उन्होंने फरवरी में शेयर बाजारों से 35,592 करोड़ रुपये और जनवरी में 33,303 करोड़ रुपये निकाले थे। विदेशी निवेशक पिछले छह महीनों से शेयरों से निकासी कर रहे हैं। अक्टूबर, 2021 और मार्च, 2022 के बीच उन्होंने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं।
वहीं बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फेड की बदलती ब्याज दरों के चलते विदेशी निवेश पर विपरीत असर पड़ रहा है। फेड की ब्याज दरों के अलावा कच्चे तेल के दामों में उछाल, रूस-यूक्रेन संघर्ष आदि के चलते भी विदेशी निवेशकों का भरोसा टूट रहा है।
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