इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
MPC Meeting: आगामी दो दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक होने वाले है। सबकी निगाहें इस बैठक पर टिकी हुई हैं कि क्या केंद्रीय बैंक ब्याज की दरों में कोई परिवर्तन करेगा या फिर पहले की तरह ही ब्याज दरों को कायम रखेगा। इस बैठक से पहले ऐसे में बाजार विशेषज्ञों ने अपनी राय जताई है। उनका कहना है कि खुदरा मुद्रास्फीति के ऊपरी संतोषजनक स्तर पार कर जाने, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं और वृद्धि को संरक्षण और प्रोत्साहन देने की जरूरत के मद्देनजर आरबीआई इस मौद्रिक नीति बैठक में कुछ बदलाव कर सकता है।
6 से शुरू होगी मौद्रिक समीक्षा बैठक
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक 6 से 8 अप्रैल को होगी। हालांकि नतीजों की घोषणा 8 अप्रैल को होगी।
नीतिगत मोर्चे पर यथास्थिति कायम रहने की उम्मीद
वहीं, रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल 2022 की नीतिगत समीक्षा में एमपीसी द्वारा अपने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान में संशोधित किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा 2022-23 के लिए वृद्धि दर के अनुमानों को कम किया जा सकता है। एमपीसी मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए वृद्धि का ‘त्याग’ नहीं करेगी। नीतिगत मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखने की उम्मीद है।
इसको लेकर उठा सकती है RBI कड़ा कदम (MPC Meeting)
एक अन्य एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि मौजूदा अनिश्चिताताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक के पास मौद्रिक नीति को कड़ा करने की सीमित साधन है। युद्ध के हानिकारक प्रभाव के बीच केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को संतोषजनक स्तर पर रखने के लिए कदम उठाना होगा और साथ ही वृद्धि को समर्थन भी प्रदान करना होगा।
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