HDFC And HDFC Bank Merger
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आज सुबह देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और सबसे बड़े प्राइवेट बैंक में से एक HDFC Bank के मर्जर को कंपनियों की अलग-अलग हुई बैठक में मंजूरी दे दी गई। यह खबर बाहर आते ही न केवल दोनों कंपनियों के स्टॉक ने जबरदस्त छलांग लगा दी बल्कि फ्लैट ग्लोबल सेंटीमेंट्स के बावजूद घरेलू शेयर बाजार में एक बूम आ गया।
(HDFC And HDFC Bank Merger) दोनों कंपनियों की मर्जर को मंजूरी के बाद एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख (Deepak Parekh) ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के बीच नियमों के सामंजस्य से देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक HDFC Bank के विलय की राह खुली। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों के दौरान नियमों में सामंजस्य हुआ है, जो नियामकीय जटिलताओं के कारण एक अलग आवास वित्त कंपनी चलाने की जरूरत को कम करता है।
(HDFC And HDFC Bank Merger) पारेख ने कहा कि विलय की चर्चा पिछले तीन हफ्तों में हुई और बताया कि गैर-निष्पादित संपत्तियों की पहचान जैसी आवश्यकताएं तथा एनबीएफसी के लिए आकार आधारित नियमों में बदलाव देखने को मिलेंगे। एक आवास वित्त कंपनी होने के चलते HDFC के पास प्राथमिक क्षेत्रों के ऋण नहीं दे सकती है और उसे देनदारियों के लिए वैधानिक तरलता अनुपात या नकद आरक्षित अनुपात का पालन करने की जरूरत नहीं है। इसलिए कुछ छूट पाने के लिए रिजर्व बैंक को एक आवेदन किया गया है, जहां RBI संपत्ति और देनदारियों के उन हिस्सों के मिलान के लिए समय दे सकता है।
विलय के बाद संयुक्त संपत्ति होगी 3.3 लाख करोड़ रुपए
पारेख ने कहा कि हमें भरोसा है कि नियामक विलय योजना को मंजूरी देंगे। विलय के बाद बनी इकाई की संयुक्त बैलेंस शीट 17.87 लाख करोड़ रुपये और कुल संपत्ति 3.3 लाख करोड़ रुपये होगी। पारेख ने कहा कि एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक के विलय से एचडीएफसी लिमिटेड के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होगा।
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