Four Working Days
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
दुनियाभर में कर्मचारियों के लिए तनाव कम करने के लिए एक हफ्ते में 4 कामकाजी दिवस वाली व्यवस्था अपनाई जा रही है। इसके तहत हफ्ते में 4 दिन 12 घंटे प्रतिदिन काम करना होगा। भारत में भी ज्यादातर नियोक्ताओं को लगता है कि इस व्यवस्था से तनाव कम करने में मदद मिलेगी। वहीं अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में भी 4 कामकाजी दिवस वाली व्यवथा चाहते हैं।
एचआर सॉल्यूशन्स जीनियस कंसल्टेंट्स बैंकिंग और वित्त, निर्माण एवं इंजीनियरिंग, शिक्षा, एफएमसीजी, आतिथ्य, एचआर समाधान, आईटी, आईटीईएस और बीपीओ, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण, मीडिया, तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों में सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में सामने आया कि 100 फीसदी कर्मचारी 4 कार्यदिवस वाली व्यवस्था के पक्ष में हैं। यह सर्वेक्षण 1 फरवरी से 7 मार्च के बीच देशभर के 1113 एंप्लायर्स और एंप्लाईज के बीच आॅनलाइन करवाया गया।
27 फीसदी आश्वस्त नहीं (Four Working Days)
एचआर सॉल्यूशन्स जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के मुताबिक 60 फीसदी से अधिक नियोक्ताओं की राय है कि हफ्ते में 4 कामकाजी दिवस की नई व्यवस्था नौकरी में संतुष्टि और काम एवं जीवन के बीच संतुलन साधने के साथ संगठन के समग्र मनोबल को बढ़ाने के लिहाज से भी सफल साबित होगी।
इससे तनाव और चिंता का स्तर भी कम होगा। लेकिन इनमें से 27 फीसदी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि संगठन की उत्पादकता पर इस प्रचलन का कितना प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा 11 फीसदी ने कहा कि 4 कार्य-दिवस वाले सप्ताह की व्यवस्था से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आने वाले हैं।
सर्वेक्षण में क्या पूछा गया (Four Working Days)
सर्वेक्षण में पूछा गया था कि एक अतिरिक्त दिन का अवकाश मिलने पर क्या वे रोजाना 12 घंटे से अधिक समय तक काम करने को तैयार हैं। इनमें से 56 फीसदी लोग तुरंत इसके लिए राजी हो गए। लेकिन 44 फीसदी कर्मचारी कामकाजी घंटों को बढ़ाने के पक्ष में नहीं दिखे। वहीं 60 फीसदी कर्मचारियों ने एक और दिन का अवकाश मिलने पर 12 घंटे से अधिक काम करने के लिए खुद को तैयार बताया।
कर्मचारियों के जीवन में बनेगा बेहतर संतुलन (Four Working Days)
इस बारे में जीनियस कन्सल्टेंट्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर पी यादव ने कहा कि सप्ताह में 4 कामकाजी दिवस की दिलचस्प व्यवस्था कई देशों और संगठनों में अपनाई जा रही है। कुछ लोगों की नजर में इससे कर्मचारियों का प्रदर्शन सुधारने में भी मदद मिल रही है। इसके अलावा कर्मचारी अपने निजी एवं कामकाजी जीवन के बीच बेहतर संतुलन बना पाएंगे।
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