MCLR Hike
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मौद्रिक नीति समीक्षा (MPR) की जारी बैठक में देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए रेपो रेट में बढ़ोतरी होने की संभावना बनी हुई है। इस अनुमान को देखते हुए देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की HDFC Bank ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाया है। HDFC Bank ने आज अपनी MCLR की दरों में सिर्फ से बढ़ोतरी की है। इस बार बैंक ने 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है और यह बढ़ी हुई नई दरें मंगलवार से ही लागू कर दी गई हैं। इसके अलावा दो और बैंकों ने भी अपने कर्ज दरों में वृद्धि की है। केनरा बैंक और करुर वैश्व बैंक ने अपने कर्ज ब्याज दरों में इजाफा किया है।
इससे पहले 1 मई को बढ़ी थी ब्याज दरें
आपको बता दें कि यह लगातार दूसरा महीना है जब HDFC Bank ने MCLR यानी कर्ज की दरों में वृद्धि की है। बैंक ने ओवरनाइट लोन के लिए MCLR दर 7.15 फीसदी से बढ़ाकर 7.50 फीसदी कर दिया है। एक महीने के कर्ज के लिए ब्याज दर को 7.20 फीसदी से बढ़कर 7.55 फीसदी कर दिया गया. इस बढ़ोतरी के बाद तीन और छह महीने के कर्ज के लिए MCLR बढ़कर क्रमश: 7.60 फीसदी, 7.70 फीसदी किया गया है। एक साल वाले लोन पर 7.85 फीसदी किया है। वहीं, दो साल और तीन साल के कर्ज के लिए ब्याज दर 7.95 फीसदी और 8.05 फीसदी कर दिया है। इससे पहले बैंक ने 1 मई को होम लोन के रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (RPLR) में 5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी।
केनरा और करुर वैश्व बैंक ने भी बढ़ाई ब्जार दरें
वहीं, केनरा बैंक और करुर वैश्य बैंक ने भी आज अपने MCLR की दरों में इजाफा किया है। केनरा बैंक ने एक साल वाले MCLR को 0.05 फीसदी बढ़ाकर 7.40 फीसदी और 6 महीने वाले MCLR को 7.30 फीसदी से बढ़ाकर 7.35 फीसदी पर ला दिया है। इसके अलावा करुर वैश्व बैंक ने भी BPLR को 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए 13.75 फीसदी कर दिया है,जबकि बेसिस प्वाइंट में 0.40 फीसदी की वृद्धि करते हुए 8.75 फीसदी कर दिया है। इन बैंकों द्वारा कर्ज की ब्याज दरों में वृद्धि होने से होम, कार और व्यक्तिगत लोन अब और महंगे हो जाएंगे। इन सभी की बढ़ी हुई नई दरें आज से ही लूगा हो गई हैं।
इसको कहते हैं MCLR
भारत में MCLR सिस्टम को भारतीय रिजर्व बैंक ने 2016 में पेश किया था। यह किसी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए एक इंटरनल बेंचमार्क है। MCLR प्रोसेस में लोन के लिए मिनिमम ब्याज दर तय की जाती है। आम भाषा में कहें तो मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है, जो कॉमर्शियल बैंक्स द्वारा ऋण पर ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके बढ़ने से बैंकों लोन महंगे हो जाते हैं।
MPR बैठक जारी
आपको बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा (MPR) की तीन दिवसीय बैठक जारी है। बैठक सोमवार को शुरु हुई थी और आज इसका दूसरा दिन है। कल इस बैठक का आखिरी दिन है। उसके बाद इसक बैठक की अध्यक्षता कर रहे आरबाीआई के गवर्नर शाशिकांत दास इसमें लिए गए निर्णयों की जानकारी देंगे। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि MPR की बैठक में एक बार फिर केंद्रीय बैंक रेपो रेट में इजाफा कर सकता है। यहां तक खुद आरबाीआई के गवर्नर दास ने भी जून की एमपीआर बैठक में इसके बढ़ोतरी का अनुमान जता चुके हैं।
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