America on Indian Economy
इंडिया न्यूज,वाशिंगटन। भारत में भले ही कुछ लोग न मना की भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है,लेकिन दुनिया के सबसे शाक्तिशाली देश अमेरिका न मना है कि भारत ने अर्थव्यवस्था के मामले में जोरदार रिकवरी की है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को संसद को एक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि भारत कोरोनावायरस महामारी की तीन लहर झेलने के बाद भी अर्थव्यवस्था के मामले में जोरदार वापसी की है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में भारत के कोरोना टीकाकरण अभियन की भी प्रशांसा की गई है। यह प्रशांसा उन विपक्षीय दलों के नेताओं के जबाव का करार प्रहार है, जो लोग कोरोना टीका को भाजपा का टीका बता रहे थे और जनता को इससे न लगवाने की सलाह दे रहे थे।
2021 में पूरे साल भारत की विकास दर 8 फीसदी रही
संसद में पेश हुई वित्त मंत्रालय की अर्द्धवार्षिक रिपोर्ट में बताया कि पिछले साल 2021 में आई भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने मध्य में देश की आर्थिक वृद्धि पर व्यापक असर डाला,जिसके चलते अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में देरी हुई। रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 में भारत की विकास दर सात प्रतिशत थी। 2021 की दूसरी तिमाही में विकास दर महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई और 2021 में पूरे साल विकास दर आठ प्रतिशत रही थी।
2021 के अंत तक 44 फीसदी आबादी मिल चुकी वैक्सीन
अमेरिकी के वित्त मंत्रालय ने भारत में केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे कोरोना टीकाकरण अभियान तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में आर्थिक गातिविधियों ने तेजी के साथ वापसी की। इस वापसी का असली कारण देश में टीकाकरण कार्यक्रम की तेजी रहा। वर्ष 2021 के अंत तक, देश की करीब 44 फीसदी आबादी को सरकार वैक्सीन लगा चुकी थी।
अधिकारियों ने राजकोषीय घाटे का लगाया यह अनुमान
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने 2021 में महामारी के बावजूद और उसको दुष्रभावों से बचाने के लिए अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहायता रुका नहीं बल्कि जारी रखा। अधिकारियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 में कुल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.9 प्रतिशत तक हो गया, जो महामारी से पहले के राजकोषीय घाटे से अधिक है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2020 से अपनी प्रमुख नीतिगत दरों को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन जनवरी 2021 में रिजर्व बैंक ने कोविड-19 महामारी के शुरुआती दौर में विकास के लिये तैयार किये गए असाधारण उपायों पर धीरे-धीरे अमल करना शुरू किया।
इसको भी पढ़ें:
देश का विदेशी मुद्रा भंडार फिर हुआ कम, एफसीए के साथ रिजर्व गोल्ड भी घटा