Wednesday, November 20, 2024
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सरकार नहीं बना रही अंतरिक्ष पर्यटन के लिए विशिष्ट कानून: डॉ. जितेंद्र सिंह

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Government Response to Space Tourism Law

इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। देश के अंतरिक्ष पर्यटन कानून पर सरकार ने अपनी दृष्टि को साफ कर दिया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान में देश में अंतरिक्ष पर्यटन को नियंत्रित करने वाले कोई कानून नहीं हैं और न ही सरकार द्वारा अंतरिक्ष पर्यटन के लिए विशिष्ट कानून बनाने की किसी प्रकार की योजना है। हालांकि सरकार ने सदन को यह जरूर बताया कि गगनयान’ मिशन के एक हिस्से के रूप में भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों और चालक दल के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल जरूर विकसति कर रहा है।

इसरो कई तकनीकी पर कर रहा काम

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह यह जानकारी गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर के दौरान दी। इस दौरान सिंह ने सदन को बताया कि भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (इसरो) वर्तमान में मानव मूल्यांकित (रेटेड) प्रक्षेपण (लॉन्च) वाहन, कक्षीय (ऑर्बिटल मॉड्यूल), जीवन रक्षक सहायता प्रणाली (लाइफ सपोर्ट सिस्टम), चालक दल बचाव प्रणाली (क्रू एस्केप सिस्टम), मानव केंद्रित उत्पाद और गगनयान मिशन हेतु चालक दल (क्रू) रिकवरी के लिए तकनीक विकसित कर रहा है। ये सभी प्रौद्योगिकियां भविष्य में अंतरिक्ष पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए आधार (बिल्डिंग ब्लॉक्स) के रूप में काम करेंगी।

उपग्रह सेवाओं पर 15 स्टार्ट अप कर रहे काम

वैश्विक ग्राहकों को उपग्रह सेवाएं प्रदान करने वाले निजी स्टार्ट-अप से संबंधित एक अन्य प्रश्न में केंद्रीय मंत्री सिंह ने सदन को बताया कि उपग्रह डेटा के माध्यम से उपग्रह सेवाओं (मूल्य वर्धित सेवाओं) को उपलब्ध कराने के क्षेत्र में लगभग 15 स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (आईएन–एसपीएसीई) भारतीय स्टार्ट-अप की क्षमता मैट्रिक्स के निर्माण के लिए एक सर्वेक्षण कर रहा है, जोकि अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी गतिविधियों के लिए निश्चित डेटाबेस के रूप में काम करेगा।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रगाति पर पीपीपी हो सकता विचार

आपको बता दें कि साल 2020 में सरकार द्वारा घोषित अंतरिक्ष सुधारों के आलोक में अंतरिक्ष क्षेत्र में शुरू से अंत तक गतिविधियों को मूर्त रूप देने में गैर-सरकारी की अधिक भागीदारी की परिकल्पना की गई है। इन सुधारों पर सरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की प्रगति के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) पर विचार कर सकती है।

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