RBI Increases Repo Rate
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। रेपो रेट पर बाजार विशेषज्ञों ने जो अनुमान लगाया था, वह सही साबित हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने तीन महीने के अंतराल में तीन बार नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट में वृद्धि की है। महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में शुक्रवार को ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। आरबीआई ने यह बढ़ोतरी 50 बेसिस प्वॉइंट की है। इससे पहले आरबीआई ने जून और मई में रेपो रेट का इजाफा किया था। केंद्रीय बैंक के इस कदम से अब देश में होम,कार, पसर्नल और अन्य लोन महंगे हो जाएंगे और पहले से लोन पर चली रही ईएमआई पर भी इसका असर पड़ेगा।
बढ़कर रेपो रेट पहुंचा 5 फीसदी से अधिक
तीन दिन तक चली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शाशिकांत दास ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए एक बार फिरसे रेपो रेट में इजाफा किय गया है। इस बार रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा हुआ है। अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है। इससे पहले यह 4.90 फीसदी था। दास ने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी किया गया है। वहीं, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश के सकल घरेल उत्पाद (GDP) के ग्रोथ अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है और महंगाई दर 6 फीसदी के ऊपर रहने का अनुमान लगाया है।
खाने के तेल के दाम गिर सकते हैं
दास ने कहा कि इस बार देश का मॉनसून अच्छा है। इससे ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी संभव है। सप्लाई बढ़ने से खाने के तेल की कीमतों में आगे भी कमी देखने को मिल सकती है।
इससे पहले मई -जून में बढ़ाया रेपो रेट
इससे पहले आरबीआई ने कोरोना काल के बाद मई 2022 में रेपो रेट में इजाफा किया था। तब 0.40 फीसदी का नीतिगत दरों में वृद्धि हुई थी। उसके बाद एक महीने के अंतराल में ही जून 2022 को फिर से 0.50 फीसदी नीतिगत दरें यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। इसके पीछे आरबीआई ने तर्क दिया था कि देश में महंगाई अपने चरम सीमा पर है, इससे रोकने के लिए रेपो रेट में वृद्धि की गई हैं।
महंगाई पर यह बाते कहीं आरबीआई गवर्नर ने
- FY23 में महंगाई दर 6.7% संभव है।
- FY23 के Q2 में महंगाई दर 7.1% संभव है।
- FY23 के Q3 में महंगाई दर 6.4% संभव है।
- FY23 के Q4 में महंगाई दर 5.8% संभव है
- FY24 के Q1 तक महंगाई दर घटकर 5 फीसद होने की संभावना है।
- FY23 में महंगाई दर 6.7% पर बरकरार है।
- महंगाई दर आरबीआई के टॉलरेंस लेवल के ऊपर बनी हुई है।
- महंगाई के मोर्चे पर अनिश्चितताएं अभी भी बरकरार रहेंगी।
- SDF से सरप्लस लिक्विडिटी में कमी आई है।
- रुपये की स्थिरता बनाए रखने पर RBI का फोकस है।
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