Leader of Opposition Advised Kejriwal
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलाह दी है कि वह पहले दिल्ली के स्कूलों और अस्पतालों की तरफ ध्यान दें, उसके बाद किसी और को सलाह दें। पिछले सात सालों में दिल्ली में एक भी नया स्कूल नहीं खुला बल्कि 16 सरकारी स्कूल बंद हुए हैं। दर्जनों स्कूलों का दूसरे स्कूलों में विलय कर दिया गया। दिल्ली में केजरीवाल सरकार एक भी नए अस्पताल का प्रोजेक्ट नहीं बना सकी। सिर्फ झूठ के बल पर वह आम जनता को बरगलाने की कोशिश न करे।
शिक्षा देने में असफल साबित हुई सरकार
बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल यह प्रचार कर रहे हैं कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाती है और अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाता है। ऐसा तो पूरे देश में हो रहा है और यह हर राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसे वह पूरा करने के लिए बाध्य है। सवाल यह है कि राज्य सरकार इस काम को कितना मुस्तैदी से कर रही है,जबिक दिल्ली सरकार इस मामले में पूरी तरह फेली साबित हुई है। वर्तमान में दिल्ली 1027 सरकारी स्कूलों में से सिर्फ 203 में प्रिंसिपल हैं। इस विषय पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने खुद दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। बिधूड़ी ने बताया कि 418 स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल नहीं हैं और शिक्षकों के 24 हजार पद खाली पड़े हैं। 22 हजार पदों पर गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति की गई थी, लेकिन कोई स्थाई नहीं हुए। इतना ही नहीं, उच्च शिक्षा के मामले में भी यह सरकार फेल साबित हुई है।
अस्पताल खोलने के नाम पर घोटला
उन्होंने कहा कि अब बात अगर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की करें तो कोरोना काल में सरकार अस्पतालों में बेड, दवाइयां, ऑक्सीजन, मेडिकल स्टाफ और यहां तक कि लोगों को एम्बुलेंस तक मुहैया कराने में यह सरकार असफल साबित हुई है। अस्पताल खोलने के नाम पर घोटाला किये गए। किराड़ी में करोड़ों रुपए की लागत से अस्पताल खोलने का दावा किया, लेकिन वहां कोई अस्पताल ही नहीं है। ऐसे में मेरी केजरीवाल से एक सलाह है कि वह झूठा प्रचार करने और पूरे देश का ब्लूप्रिंट देने का दावा बंद करें और दिल्ली की ओर पहले ध्यान दें।
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