Rice Production Expected to Decline
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली। देश में चावल के उत्पादन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। आने वाले समय में देश के लोगों को चावल के बढ़े दाम से दो चार होना पड़ सकता है। यानी देश में चावल के दाम बढ़ सकते हैं। केंद्र सरकार ने बताया कि इस साल खरीफ सीजन में देश में धान की बुवाई क्षेत्र में गिरावट आई है,जिसका सीधा प्रभाव चावल के उत्पादन पर पड़ने वाला है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में चावल उत्पादन में 1.12 करोड़ टन तक आ सकती है।
इस बार 1 करोड़ टन का नुकसान होने का अनुमान
इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि कई राज्यों में इस बार के मानसून में कम बारिश हुई है। इस वजह से खरीफ सीजन में अब तक धान का रकबा 38 लाख हेक्टेयर कम है। आमतौर पर खरीफ मौसम भारत के कुल चावल उत्पादन में लगभग 80 फीसदी का योगदान देता है। हालांकि इस बार चावल उत्पादन में एक करोड़ टन का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
चावल उत्पादन गिरावट कम भी हो सकता
यह एक शुरुआती अनुमान है, जो रकबे में गिरावट और औसत उपज पर आधारित है। हालांकि इस उत्पादन का गिरावट कम भी हो सकता है। इसके पीछे का कारण यह है कि जिन राज्यों में अच्छी बारिश हुई है, वहां चावल के उत्पादन में सुधार होने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के दौरान चावल का कुल उत्पादन 13.29 करोड़ टन रिकॉर्ड होने का अनुमान है,जोकि पिछले पांच साल के 11.64 करोड़ टन के औसत उत्पादन से 1.38 करोड़ टन अधिक है।
चावल के निर्यात पर रोक
उधर, केंद्र सरकार ने देश में चावल की उपलब्धता बढ़ाने के चलते गैर-बासमती चावल के निर्यात को बैन कर दिया है। सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी सीमा शुल्क लगाया है। इस संदर्भ में 8 सितंबर को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेश जारी किया है और 9 सितंबर, 2022 से प्रभावी होगा है।
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