Thursday, September 19, 2024
Thursday, September 19, 2024
HomeBusinessबिजनेस करने के तरीके और ट्रांजैक्शन के तरीके को देगा बदल, FICCI...

बिजनेस करने के तरीके और ट्रांजैक्शन के तरीके को देगा बदल, FICCI का बैंकिंग सम्मेलन -RBI के गवर्नर

- Advertisement -

(नई दिल्ली): भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार यानी 2 नवंबर को कहा कि e-rupee की शुरुआत देश में करेंसी के इतिहास में एक ऐतिहासिक पल है।

rbi governor

यह बिजनेस करने के तरीके और ट्रांजैक्शन के तरीके को बदल देगा। FICCI के बैंकिंग सम्मेलन – FIBAC 2022 में शक्तिकांत दास ने ये बयान दिया। शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या CBDC के सभी पहलुओं का पता लगाना चाहता है।

CBDC प्रोजेक्ट का ट्रायल किया शुरू

RBI गवर्नर ने कहा, कि ‘कल, हमने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या CBDC प्रोजेक्ट का ट्रायल शुरू किया… जहां तक ​​पूरी इकोनॉमी की फंक्शनिंग का संबंध है, यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

रिजर्व बैंक दुनिया के उन कुछ केंद्रीय बैंकों में से एक है, जिसने यह पहल की है।’ उन्होंने आगे कहा, कि ‘हम निकट भविष्य में CBDC को पूर्ण रूप से लॉन्च करने का प्रयास करेंगे।

आखिर क्या है RBI की डिजिटल करेंसी

RBI को अभी इकोनॉमी में मनी फ्लो के लिए नोटों की प्रिंटिंग करनी पड़ती है। इसे छपाने में काफी खर्च आता है और कुछ सालों में ये खराब हो जाती है। इस कारण नई करेंसी फिर से छापना पड़ती है।

New Project 47

e-rupee में करेंसी की प्रिटिंग और खराब होने का झंझट नहीं रहेगा। इसे मोबाइल वॉलेट में आसानी से स्टोर किया जा सकेगा। इसे फिजिकल करेंसी की तरह ही एक्सेप्ट किया जाएगा।

UPI से ट्रांजैक्शन के लिए बैंक अकाउंट में पैसा होना जरूरी

UPI से ट्रांजैक्शन करने के लिए बैंक अकाउंट में पैसा जमा होना चाहिए। इसके लिए या तो हमें खुद फिजिकल करेंसी को अकाउंट में डिपॉजिट करना होगा या फिर कही से अपने बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाना होगा।इसका मतलब यह है कि किसी न किसी को एक बार तो फिजकल करेंसी अकाउंट में डिपॉजिट करना ही होगी तभी ये ट्रांसफर पॉसिबल हो पाएगा।

पॉकेट में नोट की जगह वॉलेट में रखें e-rupee

e-rupee ट्रांजैक्शन में बैंक अकाउंट की जरूरत ही नहीं होगी। RBI फिजिकल करेंसी की जगह सीधे वॉलेट में पैसा ट्रांसफर करेगा। इसका मतलब है कि आप अभी जिस तरह से अपने पॉकेट में नोट रखते है उसकी जगह वॉलेट में e-rupee रखेंगे और एक दूसरे को पेमेंट कर सकेंगे। इसकी पूरी प्रोसेस क्या होगी आने वाले दिनों में जब ये पूरी तरह से लॉन्च होगा तो ज्यादा साफ हो जाएगी।

cbdc3

महीने के आखिर तक लॉन्च होंगी रिटेल करेंसी

अभी RBI ने पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में CBDC होलसेल को लॉन्च किया है। इसके लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है।

CBDC1

दूसरे चरण में इस महीने के आखिर तक रिटेल करेंसी को लॉन्च किया किया जाएगा। यह पहले चुनिंदा स्थानों में शुरू होगी। इसमें सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा।

इसके फीचर्स में इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं

पायलट प्रोजेक्ट अनुभवों के आधार पर इसे बाद में पूरी तरह से लॉन्च किया जाएगा। इसके फीचर्स की बात करें तो e-rupee में इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं। ये ज्यादा रियल टाइम और ट्राजैक्शन की लागत भी काफी कम।

CBDC2

यह मीडिएटर के बिना समय पर पेमेंट सुनिश्चित करेगा। e-rupee फेक करेंसी की समस्या से निजात दिलाने में मदद करेगा। कागज के नोट छापने का खर्च बचेगा और करेंसी खराब भी नहीं होगी।

एक करेंसी नोट अधिकतम चलता है चार साल तक

RBI के अनुसार, भारत में 100 रुपए के नोट को प्रिंट करने में 15-17 रुपए का खर्च आता है। एक करेंसी नोट अधिकतम चार साल तक चलता है। केंद्रीय बैंक को नए नोट छापने होते हैं जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपए होती है। वित्त वर्ष 2021-22 में RBI ने 4.19 लाख अतिरिक्त नोट छापे थे, जिनकी कीमत हजारों करोड़ रुपए थी। डिजिटल करेंसी की लागत लगभग शून्य है।

SHARE
Koo bird

MOST POPULAR