खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर आ गई, जबकि अक्टूबर में यह 6.77 प्रतिशत थी। सोमवार को सरकार की ओर से इससे जुड़े आंकड़े जारी किए गए। जनवरी-सितंबर, 2022 के दौरान लगातार 3 तिमाहियों के दौरान औसत मुद्रास्फीति मुद्रास्फीति लक्ष्य के ऊपरी सहिष्णुता स्तर 6 प्रतिशत के ऊपर थी। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान औसत मुद्रास्फीति 6.3 प्रतिशत थी, अप्रैल-जून की अवधि में यह 7.3 प्रतिशत थी और सितंबर तिमाही में यह घटकर 7 प्रतिशत हो गई थी। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
आरबीआई की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से सरकार ने कियी इंकार
उससे पहले सरकार ने सोमवार को आरबीआई की उस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया, जिसमें यह बताया गया है कि केंद्रीय बैंक लगातार तीन तिमाहियों के लिए लक्षित 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा के भीतर मुद्रास्फीति क्यों नहीं रख सका। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में दिए गए एक लिखित जवाब में कहा, ‘हां सर, आरबीआई ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है, जैसा कि आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45जेडएन और आरबीआई मौद्रिक नीति समिति और मौद्रिक नीति प्रक्रिया विनियम, 2016 के नियमन 7 के तहत अनिवार्य है।’ उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के तहत रिपोर्ट को सार्वजनिक सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
गेमिंग कंपनियों की ओर से करीब 23,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की जांच कर रहे हैं अधिकारी
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा कि अप्रैल 2019 से नवंबर 2022 के बीच गेमिंग कंपनियों की ओर से करीब 23,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की जांच कर अधिकारी कर रहे हैं। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, मंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने साइबर और क्रिप्टो संपत्ति धोखाधड़ी से संबंधित कई मामलों में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच की है। माल और सेवा कर (जीएसटी) की चोरी के बारे में, चौधरी ने कहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के गठन ने भारत के साथ-साथ विदेशों में स्थित कुछ गेमिंग कंपनियों (ऑनलाइन गेमिंग फर्मों सहित) के खिलाफ जांच शुरू की है। उन्होंने कहा, “इन कंपनियों द्वारा अप्रैल 2019 से नवंबर 2022 की अवधि के दौरान 22,936 करोड़ रुपये की अनुमानित जीएसटी चोरी की गई है।”