Friday, December 27, 2024
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Story Of Punjab National Bank

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Punjab National Bank
इंडिया न्यूज, अंबाला:
पंजाब नेशनल बैंक हमारे देश का एक प्रमुख और पुराना बैंक है। पंजाब नेशनल बैंक (ढठइ) को 19 मई, 1894 को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत अनारकली बाजार, लाहौर में रजिस्टर्ड किया गया था। पंजाब नैशनल बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी वाणिज्यिक बैंक है और भारत के सैकड़ों शहरों में लगभग 4500 शाखाएं हैं। इसके लगभग 37 लाख ग्राहक हैं।

बैंकर अल्मानेक लंदन के अनुसार यह बैंक दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में 248वें स्थान पर है। वित्तीय वर्ष 2007 में, बैंक की कुल आस्तियां 60 अरब अमेरिकी डॉलर थीं। पंजाब नेशनल बैंक का अपने देश में ही नहीं बल्कि ब्रिटेन में एक बैंकिंग सहायक उपक्रम है। इसके साथ-साथ हांगकांग और काबुल में भी इसकी शाखाएं हैं। इसके अलावा अल्माटी, शंघाई और दुबई में प्रतिनिधि कार्यालय है।

ऐसे हुई थी स्थापना

आधारभूत रूप से यह बैंक 3.7 प्रतिशत से भी अधिक एन.आई.एम. वाला बैंक है। बैंक अपनी शाखाओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके पहले निदेशक-मंडल में 7 निदेशक थे जो इस प्रकार हैं: दयाल सिंह कालेज और ट्रिब्यून के संस्थापक सरदार दयाल सिंह मजीथिया; डीएवी कालेज के संस्थापकों में शामिल और उसकी प्रबंध-समिति के अध्यक्ष लाला लाल चंद जी, विख्यात बंगाली वकील काली प्रसन्न राय जी जो वर्ष 900 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र में उसकी स्वागत समिति के अध्यक्ष भी रहे थे; लाला हरकृष्ण लाल जो पंजाब के पहले उद्योगपति के तौर पर प्रसिद्ध हुए; ई. सी. जैसावाला जी, सुप्रसिद्ध पारसी व्यापारी और जमशेदजी एंड कं. लाहौर के साझीदार; लाला प्रभु दयाल जी, मुलतान के जाने-माने रईस, व्यापारी और परोपकारी; बक्सी जयशी राम जी, लाहौर के प्रसिद्ध दीवानी वकील और लाला डोलन दास जी, अमृतसर के सुप्रसिद्ध बैंकर, व्यापारी और रईस।

अत: राष्ट्रीय और सार्वभौमिक भावना से ओतप्रोत होकर एक बंगाली, एक पारसी, एक सिख और कुछ हिन्दुओं ने इस बैंक को स्थापित किया जो कारोबार के लिए जन-साधारण के लिए 12 अप्रैल, 1985 को खुला। सरदार दयाल सिंह मजिथिया इसके प्रथम अध्यक्ष बने जबकि लाला हरकृष्ण लाल बोर्ड के पहले सचिव और श्री बुलाकी राम शास्त्री, लाहौर के बेरिस्टर इसके प्रबंधक नियुक्त किए गए। पंजाब नेशनल बैंक का राष्ट्रीयकरण 13 अन्य बैंकों के साथ जुलाई, 1969 में हुआ। छोटी सी शुरूआत से आगे बढ़ते हुए पंजाब नेशनल बैंक आज अपने आकार और महत्ता में काफी आगे बढ़ गया है और वह भारत में प्रथम पंक्ति का बैंकिंग संस्थान बन गया है।

लाला लाजपत राय को थी टीस (Punjab National Bank)

Punjab National Bank

पंजाब नेशनल बैंक के संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय इस बात से दुखी थे कि भारतीय पूंजी का इस्तेमाल अंग्रेजी बैंकों और कंपनियों को चलाने में हो रहा है, लेकिन सारा मुनाफा अंग्रेजों को मिल रहा है और भारतीयों को अपनी पूंजी पर केवल थोड़े से ब्याज से ही संतुष्ट होना पड़ रहा है। आर्य समाज के राय मूल राज के मन में काफी समय से यह विचार चल रहा था कि भारतीयों का अपना राष्ट्रीय बैंक होना चाहिए और इससे सहमत होते हुए लाला जी ने भी अपने लेख में इसकी आवश्यकता पर बल दिया।

राय मूल राज जी के कहने पर लाला लाजपत राय जी ने अपने कुछ चुनिंदा मित्रों को एक परिपत्र प्रेषित करके सही मायनों में स्वदेशी अभियान के पहले विशेष रजनात्मक उपाय के रूप में एक भारतीय जवाइन्ट स्टॉक बैंक बनाए जाने का आग्रह किया और इसके लिए उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। दिनांक 19 मई, 1894 को संस्था का ज्ञापन और अंतर्नियम दायर व पंजीकृत करने के बाद बैंक का गठन भारतीय कम्पनी अधिनियम के तहत किया गया।

संस्थापकों की बैठक 23 मई, 1894 को पीएनबी के पहले अध्यक्ष दयाल सिंह मजिथिया के लाहौर स्थित निवास स्थान पर हुई और उन्होंने योजना पर आगे काम करने का संकल्प किया। उन्होंने लाहौर के मशहूर अनारकली बाजार में जाने-माने रामा ब्रदर्स स्टोर के पास डाकखाने के सामने मकान किराए पर लेने का निर्णय किया।

दिनांक 12 अप्रैल, 1895 को यानी पंजाब के प्रसिद्ध बैसाखी त्योहार से एक दिन पहले बैंक कारोबार के लिए खुल गया। बैंक की संस्कृति की झलक पहली ही बैठक से मिल गई थी। चौदह मूल शेयर धारकों और सात निदेशकों ने बहुत की कम संख्या में शेयर लिए जिससे कि बैंक का नियंत्रण बहुत बढ़े क्षेत्र में फैले अनेक शेयर धारकों के पास रहे।

बैंक को यह है गौरव ( Punjab National Bank)

Punjab National Bank

अविभाजित भारत के लाहौर शहर में 1894 में स्थापित Punjab National Bank को ऐसा पहला भारतीय बैंक होने का गौरव प्राप्त है जो पूर्णत: भारतीय पूंजी से प्रारम्भ किया गया था। पंजाब नेशनल बैंक का राष्ट्रीयकरण 13 अन्य बैंकों के साथ जुलाई 1969 में हुआ। अपनी छोटी सी शुरूआत से आगे बढते हुए पंजाब नेशनल बैंक आज अपने आकार तथा महत्ता में काफी आगे बढ़ गया है और वह भारत में प्रथम पंक्ति का बैंकिंग संस्थान बन गया है।

अब तक मिले पुरस्कार और सम्मान (Punjab National Bank)

वर्ष 2013 के दौरान अपने प्रदर्शन के कारण, बैंक ने समाज की बेहतरी के लिए सेवा प्रदान करने और अपने समग्र प्रदर्शन के कारण कई पुरस्कार एवं सम्मान अर्जित किए। हाल ही में पीएनबी को इंस्टीट्यूट आफ डायरेक्टर्स की ओर से गोल्डन पीकॉक अभिनव उत्पाद / सेवा पुरस्कार 2014, इंस्टीट्यूट आॅफ पब्लिक इंटरप्राइजेज की ओर से सतर्कता उत्कृष्टता पुरस्कार, एबीपी न्यूज की ओर से सर्वोत्तम सीएसआर प्रथाओं वाले संगठन के लिए ग्लोबल सीएसआर उत्कृष्टता और लीडरशिप अवार्ड और अग्रणी वित्तीय समावेशन पहल वाला बैंक अवार्ड से सम्मानित किया।

इनके अतिरिक्त बैंक को आईडीबीआरटी, हैदराबाद की ओर से सर्वश्रेष्ठ जोखिम प्रबंधन और सुरक्षा पहल श्रेणी के तहत आईबीए बैंकिंग प्रौद्योगिकी पुरस्कार और ग्राहक प्रबंधन और व्यावसायिक उत्कृष्टता पहल श्रेणी के तहत बैंकिंग प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार के साथ सम्मानित किया है। साथ ही संडे स्टैंडर्ड की ओर से बैंक को कृषि ऋण और समावेशन के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ बैंकर के रूप में सम्मानित है।

सम्मान के रूप में पीएनबी को भारत के सर्वश्रेष्ठ बैंकों पर फाइनेंशियल एक्सप्रेस और अर्न्स्ट एंड यंग के सर्वेक्षण की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मध्य सबसे लाभदायक बैंक के रूप में चुना गया है। विश्व स्तर पर दी बैंकर पत्रिका, लंदन ने विश्व के शीर्ष 1000 बैंकों के मध्य पीएनबी को 170वीं रैंक दी है। फोर्ब्स पत्रिका ने 2000 वैश्विक दिग्गजों के बीच पीएनबी को 668वां स्थान प्रदान किया है।

यह है विशेष (Punjab National Bank)

  • व्यावसायिकों की ओर से संचालित ऐसा बैंक जिसकी सफलता का 126 वर्षो से अधिक का रिकार्ड है।
  • भारत में शाखाओं की अधिकतम संख्या देशभर में फैले 10000 से भी अधिक कार्यालय हैं जिनमें 431 विस्तार पटल हैं।
  • प्रमुख कारोबारी क्षेत्र गांगेय प्रदेश और महानगरों में फैला हुआ है।
  • बैंकर्स एलमैनेक, लंदन द्वारा बैंक को विश्व के सबसे बोडे बैकों की सूची में 248वॉ स्थान दिया गया है।
  • विश्व के 217 से अधिक अन्तर्राष्ट्रीय बैंकों के साथ सुदृोढ बैंकिंग संबंध हैं।
  • 50 से अधिक प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय बैंकों ने पीएनबी के साथ रुपया खाता रखा हुआ है।
  • सुसज्जित व्यापारिक कक्ष : विश्व के प्रमुख केन्द्रों में 20 विभिन्न विदेशी मुद्रा खातों को रखा जाता है।
  • मै. यूएई एक्सचेंज सैन्टर, यूएई, मै0 अल फरदान एक्सचेंज कं., दोहा, कतर,
  • मै. बहरीन एक्सचेंज कं., कुवैत, मैं0 बहरीन फाइनैंस कं., बहरीन, मै. थामस कुक एल रोस्टामनि एक्सचेंज कं., दुबई, यूएई तथा मै0 मुसन्दम एक्सचेंज, रुवी, सल्तन्त आॅफ ओमान से रुपया में आहरण सुविधा व्यवस्था।

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