JPC Submitted Report In Parliament
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारत में अब आपका डाटा पहले से भी और सुरक्षित होगा। सरकार सिर्फ निजी डाटा ही नहीं, गैर निजी डाटा की भी सुरक्षा करेगी। संसद में निजी डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर संसद सदस्य पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है जिसमें विधेयक के मसौदे में कुछ बदलाव की सिफारिश की गई हैं।
समिति ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के साथ प्रकाशकों की तरह बर्ताव करके उनकी जवाबदेही बढ़ाई जानी चाहिए। बच्चों से संबंधित डेटा सुरक्षा के लिए तंत्र विकसित करने तथा त्वरित भुगतान प्रणाली के लिए वैकल्पिक व्यवस्था विकसित करने का सुझाव भी दिया गया है।
समिति ने 540 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में विधेयक में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित प्रावधानों पर 12 सिफारिशें दी हैं। इसमें विधेयक के विभिन्न उपबंधों में 150 सुधार और संशोधनों के लिए 81 सिफारिशें की गई हैं। मुख्य सिफारिशों में निजी और गैर-निजी दोनों तरह के डेटा के लिए एकल डेटा सुरक्षा प्राधिकरण (डीपीए) बनाने की सिफारिश की गई है।
बताया गया है कि अब विदेशी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म भारतीय डाटा को विदेश भी नहीं भेज पाएंगे। ऐसा करने पर उन्हें 15 करोड़ रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। जो संवेदनशील डाटा किसी तरीके से विदेश जा चुका है, उनकी कापी भारत लाने की कवायद भी की जाएगी ताकि सरकार उससे वाकिफ रहे। पिछले तीन साल से लंबित डाटा सुरक्षा विधेयक को संसद से पारित होने के दो साल में चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह लागू किया जा सकता है।
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