Monday, November 18, 2024
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रेपो रेट एक बार फिर स्थिर रहने से होम बायर्स को राहत, रियल एस्टेट सेक्टर में खुशी

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रियल एस्टेट सेक्टर में कुछ समय से जारी तेजी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस तिमाही में भी बरकरार रखने की उम्‍मीद दी है। आरबीआई ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में रेपो रेट नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है। आरबीआई ने इस तिमाही भी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का ऐलान किया है। आरबीआई के इस कदम से होम बायर्स से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर को राहत मिली है। होम बायर्स को होम लोन पर ईएमआई नहीं बढ़ने से इस साल राहत महसूस हो गई। रियल एस्टेट सेक्टर ने आरबीआई के इस कदम को बेहतर बताते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

क्रेडाई एनसीआर के अध्‍यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़

बीते दो साल से रेजीडेंशियल रियल एस्‍टेट बेहद सकारात्मक रहा है। आरबीआई के फैसले से इसे और बढ़ावा मिलेगा। बाजार मौजूदा 6.5% रेपो दर को स्वीकार कर रहा है। बीते कुछ समय में प्रमुख डेवलपर्स द्वारा किए गए नए लॉन्च को उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं मिली हैं। इन्वेंट्री अब तक के सबसे निचले स्तर पर है, और प्रीमियम और लक्जरी परियोजनाओं की मांग अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई है। 2023 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए शानदार साल रहा है। आरबीआई द्वारा लगातार सातवीं बार रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने से स्थिरता का संकेत मिलता है, जिससे सेक्टर को फायदा होगा।

काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी

रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाना आरबीआई का एक सराहनीय कदम है क्योंकि इससे पहले से ही बढ़ते रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। फेस्टिव सीजन अभी गया है और इससे पहले से ही खरीदार रियल एस्टेट निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। स्थिर ब्याज दरें लेनदेन में उनकी भागीदारी को और प्रोत्साहित करेंगी। इससे रियल एस्टेट के रेजिडेंसियल और कॉमर्शियल दोनों क्षेत्रों में काफी निवेश को बढ़ावा मिलेगा

श्री प्रदीप अग्रवाल, फाउंडर और चेयरमैन , सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड

रेपो रेट को यथास्थिति बनाए रखने का भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का निर्णय अपेक्षित था। यह निर्णय अर्थव्‍यवस्‍था को सहयोग प्रदान करते हुए मुद्रास्फीति स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया है। इस साल फरवरी से रेपो रेट बढ़ोतरी को रोकने का निर्णय, निवेशकों और रियल एस्टेट डेवलपर्स दोनों के लिए सकारात्मक है। रेपो रेट संभावित घर खरीदारों के लिए फायदेमंद होगी, जिससे मांग में वृद्धि होगी। मांग में इस बढ़ोतरी से रियल एस्टेट क्षेत्र में विकास को गति मिलने की उम्मीद है, जो अंततः देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान होगा।’

मिग्‍सन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्‍टर यश मिग्‍लानी

रेपो रेट न बढ़ने से रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा। पिछले कुछ महीनों से रेपो रेट 6.50% पर स्थिर हैं, जो खरीदारों और निवेशकों के लिए आरबीआई का सकारात्‍मक संकेत है। इससे न सिर्फ रियल एस्‍टेट में नई उर्जा का संचार हुआ है बल्‍कि आवासीय और कमर्शियल रियल एस्‍टेट की मांग में भी तेजी आएगी। आने वाला समय रियल एस्‍टेट बाजार में निवेश के लिए बेहद पॉजिटिव है।

नयन रहेजा,रहेजा डेवलपर्स

रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय स्वागत योग्य कदम है। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए यह निर्णय स्थिरता का संकेत देता है। उच्च ईएमआई और ब्याज दरों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, यह निर्णय डेवलपर्स और घर खरीदारों के बीच विश्वास बढ़ाएगा। सकारात्मक उपभोक्ता भावना के साथ, यह क्षेत्र अपने रिकॉर्ड प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए तैयार है। हालाँकि, 6.5% की मौजूदा दर सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है। हमें उम्मीद है कि अगली एमपीसी बैठक में रियल स्टेट सेक्टर के अनुरोध पर विचार करेगी और कम दर व्यवस्था में वापसी का मार्ग प्रशस्त करेगी।

ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर संचित भूटानी

बीते सात बार से रेपो रेट का न बढ़ना रियल एस्‍टेट और अर्थव्‍यवस्‍था के लिए सकारात्‍मक संकेत है। इस बार भी रेपो दर नहीं बढ़ी है जिसे आरबीआई का बदलता और सकारात्‍मक दृष्टिकोण माना जा रहा है। उच्च ईएमआई और ब्याज दरों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, यह निर्णय घर खरीदारों और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेगा। इससे रियल एस्‍टेट क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। एनसीआर में रियल एस्टेट की गुणवत्‍तापूर्ण परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ब्याज दरें न बढ़ने से मध्यम आय समूहों का रियल एस्टेट निवेश में विश्वास भी बढ़ेगा।

मोहित गोयल, एमडी, ओमेक्स ग्रुप

रेपो रेट रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय वास्तव में सराहनीय है, हम इसका स्वागत करते हैं। रेपो रेट में बदलाव नहीं होने से रियल एस्टेट बाजार में तेजी आएगी। स्थिर ब्याज दरें इस क्षेत्र में अपने वित्त का निवेश करने में बायर्स के विश्वास को और अधिक बढ़ाएगी, जिससे डेवलपर्स को भी लाभ होगा। 2023 का पूरा साल रियल एस्टेट के लिए आशाजनक रहा है क्योंकि पिछली कुछ घोषणाओं के बाद से दरें स्थिर बनी हुई हैं। अच्छे प्रोजेक्ट्स की उपलब्धता और इन्वेस्टमेंट के लिए शुभ समय के रूप में उत्सवों के आगमन ने भी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

रजत गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, एमआरजी ग्रुप

लगातार पांचवीं बार रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के फैसले से हाउसिंग मार्केट में सकारात्मक गति आएगी। रेजिडेंस की बढ़ती कीमतों के बीच, अपरिवर्तित होम लोन दरें घर खरीदारों को राहत प्रदान करेंगी। हम उम्मीद करते हैं कि खरीदार और डेवलपर्स दोनों को स्थिर ब्याज दरों से लाभ होगा क्योंकि खरीदार इस क्षेत्र में अपना पैसा खर्च करने में अधिक सहज महसूस करेंगे। ऐसे में नए लॉन्च और उभरते हॉटस्पॉट में प्रोजेक्ट्स का विस्तार होगा। रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े लोग आरबीआई के इस निर्णय द्वारा समर्थित हैं।

राजेश सराफ , मैनेजिंग डायरेक्टर, एक्सिओम लैंडबेस प्राइवेट लिमिटेड

मौजूदा रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय रियल एस्टेट इंडस्ट्री को समर्थन देने की भावना को उजागर करता है। यह उपाय एक मजबूत और स्थिर हाउसिंग मार्केट को बढ़ावा देता है और इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित करता है, वहीं आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है। मुद्रास्फीति संबंधी घटनाक्रमों की लगातार निगरानी करके और उचित उपायों को लागू करके, आरबीआई के इस निर्णय से साफ हो गया है कि रियल एस्टेट सेक्टर वित्तीय बाधाओं का सामना किए बिना फल-फूल सकता है।

कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर, अंसल हाउसिंग

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने रेपो रेट की घोषणा की है, इस बार भी किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो दर को स्थिर रखने का आरबीआई का निर्णय सराहनीय है क्योंकि यह ब्याज दरों में निश्चितता प्रदान करके इन्वेस्टर्स का विश्वास बढ़ाता है। फिर भी उद्योग की वृद्धि के बावजूद, लगातार बढ़ोतरी की एक श्रृंखला के बाद दरों में कमी अधिक फायदेमंद होती है। दरों को अपरिवर्तित रखने से संभावित बायर्स को ऋण ब्याज दरों में और वृद्धि का सामना करने की आशंका के बिना रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने की अनुमति मिलती है।

अंकित कंसल, एमडी, 360 रियल्टर्स

केंद्रीय बैंक ने सतर्क रुख बरकरार रखते हुए रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा है। हमें आरबीआई से इसकी उम्मीद थी, क्योंकि वैश्विक झटके और देश के कुछ हिस्सों में कठिन मौसम की स्थिति सारे मुद्रास्फीति दबाव पर असर डाल सकती है। पिछली दो तिमाहियों में मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही है, फिर भी गिरावट के जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में दर को अपरिवर्तित रखना एक सराहनीय और विवेकपूर्ण कदम है। इस बीच आर्थिक स्थिति के मद्देनजर भारतीय रियल एस्टेट का तेजी से विस्तार जारी रहेगा। केंद्रीय एजेंसी ने वित्त वर्ष 24 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर 7 प्रतिशत कर दिया है, जो एक उत्साहित अर्थव्यवस्था का संकेत देता है। यह उद्योग के लिए सबसे अच्छे समय में से एक है, क्योंकि मांग और आपूर्ति दोनों में तेजी दिखाई दे रही है।

सुरेंद्र कौशिक, एमडी, आर्यन रियल्टी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड

रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के आरबीआई के कदम से रियल एस्टेट सेक्टर में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। ब्याज दरों में कम अस्थिरता से बायर्स और डेवलपर्स के बीच विश्वास बढ़ने की उम्मीद है, जिससे विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। कम वित्त नियोजन दरें रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की प्रगति में तेजी लेकर आती हैं, साथ ही निर्माण उद्योग में रोजगार बढ़ाने में योगदान देंगी। ब्याज दरों में स्थिरता से पहली बार खरीदारों से लेकर मध्यम वर्ग के जनसांख्यिकीय तक फैले विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है।

तेजप्रीत सिंह, एमडी, गिल्को ग्रुप

मौजूदा रेपो रेट को बनाए रखने का भारतीय रिज़र्व बैंक का विकल्प संभावित होम बायर्स पर वित्तीय दबाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे होम बायर्स को काफी राहत मिलेगी। हाल के महीनों में मासिक ईएमआई में उल्लेखनीय वृद्धि ने घर खरीदने की इच्छा रखने वाले मध्यम और निम्न-आय वर्ग के व्यक्तियों के लिए काफी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। स्थिर ब्याज दर के माहौल को कायम रखते हुए यह एक आशावादी उम्मीद है।

विकास भसीन,चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर,साया ग्रुप

आरबीआई का रुख रियल स्टेट सेक्टर में एक उम्मीद जगाएगा। अच्छे दिन फिर से वापस आ गए हैं। रेपो रेट को बरकरार रखने का निर्णय मैक्रो और माइक्रो आर्थिक स्थिरता का संकेत देता है। जो साल के अंत तक आवास की बिक्री को बढ़ाएगा। साथ ही 2024 में रियल स्टेट क्षेत्र की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगा। रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय देश की लचीली अर्थव्यवस्था की तस्वीर प्रस्तुत करता है। इससे प्रीमियम हाउसिंग और कमर्शियल क्षेत्र के लिए अनुकूल रूप से विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

पंकज कुमार जैन,डायरेक्टर,केडब्ल्यू ग्रुप व वाईस प्रेजिडेंट क्रेडाई गाजियाबाद

वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिखने का हवाला देते हुए आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़े और सीपीआई मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर रखा जाए, आरबीआई के निर्णय ने आरबीआई को दर स्थिर रखने के लिए प्रेरित किया है। रियल एस्टेट सेक्टर हमेशा खरीदारों के लिए कम ब्याज दर का समर्थन करता रहा है क्योंकि ब्याज में कमी से समग्र ऋण कम हो जाता है जो कि अफोर्डेबल सेक्टर और मध्यम आय वाले खरीदार के लिए महत्वपूर्ण है। आरबीआई के इस कदम का हम स्वागत करते हैं। साथ ही निकट भविष्य में इनमें कटौती की उम्मीद भी कर रहे हैं।

अश्विंदर आर सिंह, सह-अध्यक्ष सीआईआई एनआर रियल एस्टेट और सीईओ,आवासीय-भारतीय अर्बन

रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का आरबीआई का फैसला भारतीय आवासीय और होम लोन लेने वालों के लिए अच्छा संकेत है। ब्याज दरें स्थिर होने से घर खरीदारों को लोन लेने में सहूलियत होगी। रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखने से बाजार की स्थिरता में विश्वास को बढ़ावा मिलेगा। घर खरीदार अचल संपत्ति बाजार के भीतर सामर्थ्य और पहुंच पर सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद करते हुए, अनुकूल होम लोन का लाभ उठा सकते हैं।

उद्धव पोद्दार, एमडी, भूमिका ग्रुप

“भारत की अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छू रही है। जीएसटी संग्रह में भारी बढ़ोतरी हुई है, सेंसेक्स अब तक के उच्चतम स्तर पर है, मुद्रास्फीति भी नियंत्रण में है और आवास क्षेत्र के लिए यह साल रिकॉर्ड तोड़ने वाला रहा है। इन सब कारणों के चलते रियल एस्टेट सेक्‍टर रेपो रेट में कमी की सराहना करता लेकिन आरबीआई का यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय एक संतुलित कदम है।

राधिक्का राकेश गर्ग, निदेशक, राजदरबार रियल्टी

रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने की आरबीआई की घोषणा रियल्टी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा है। क्षेत्र की मनोदशा के अनुरूप, यह कदम देश में आवास को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक साबित होगा। हालाँकि, रेपो दर 6.5% 4 साल के उच्चतम स्तर पर बनी हुई है। यह किफायती आवास के लिए चिंता का विषय है, जो पहले से ही गंभीर दबाव में है और टियर 2 और 3 शहरों में रियल्टी विकास को प्रभावित कर रहा है।

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