कोरोना महामारी के बाद की दुनिया में हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। ऐसे समय में जब मेडिकल इन्फलेशन लगातार बढ़ रहा है, कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज की महत्वता और भी अधिक बढ़ जाती है। किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान उचित इलाज और अपनी बचत को खत्म किए बिना पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस बहुत ही आवश्यक है।
किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान यह न केवल सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने के खर्च, डे-केयर प्रक्रियाओं, कैशलेस अस्पताल में भर्ती सहित कई लाभ भी प्रदान करता है। इन सभी के अलावा हेल्थ इंश्योरेंस के साथ टैक्स बेनिफिट भी जुड़ा होता है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80 डी के तहत, हेल्थ इंश्योरेसं पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स डिस्काउंट प्राप्त होता है। फाइनेन्शियल ईयर समाप्त होने वाला है, और यह वह समय है जब अधिकांश लोग अपनी वित्तीय योजना और निवेश निर्णयों की योजना बनाते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय, व्यक्तियों को अक्सर मल्टी ईयर पॉलिसी मिलती हैं। मल्टी ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी वह है जो एक वर्ष से अधिक के लिए कवरेज प्रदान करती है। इसका कार्यकाल आमतौर पर दो-तीन साल का होता है।
मल्टी ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लाभ
इस पॉलिसी के साथ कई फायदे जुड़े हुए हैं। सालाना पॉलिसी में आपको हर साल इसे रिन्यू कराने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आप इसे समय पर रिन्यू नहीं करा पाते हैं, तो आप इससे होने वाले लाभ से भी वंचित हो सकते हैं। इसके विपरीत मल्टी-ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी, जिन्हें 3 वर्षों तक के लिए खरीदा जा सकता है, एक बार में विशिष्ट वर्षों के लिए आपके कवरेज को सुरक्षित करके आपको उन परेशानियों से बचा सकती हैं। मल्टी-ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को हर साल रिन्यू करने की आवश्यकता नहीं है। एक अन्य पहलू यह भी है कि, वार्षिक नवीनीकरण पॉलिसी में प्रीमियम में वृद्धि की संभावना रहती है। हालांकि, मल्टी-ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के साथ, व्यक्तियों को एक विशिष्ट अवधि के लिए प्रीमियम लॉक करने का लाभ मिलता है। यह उन्हें इन्फलेशन के समय में वित्तीय राहत देते हुए संभावित बढ़ोतरी के बोझ से बचाता है।
पर्याप्त कवरेज प्रदान करने के अलाव, ये पॉलिसियां डिस्काउंट और बचत भी प्रदान करती हैं। ज्यादातर हेल्थ इंश्योर्र दो साल की अवधि की पॉलिसी चुनने पर 10% तक की छूट और तीन साल की अवधि की पॉलिसी चुनने पर 15% तक की छूट देते हैं। इस प्रकार, ये पॉलिसियां अधिक किफायती हैं और इन्हें मध्यम आय वर्ग द्वारा आसानी से खरीदा जा सकता है। मल्टी-ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां उन सीनियर सिटीजन के लिए भी फायदेमंद हो सकती हैं जिन्हें अपनी उम्र के कारण अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है।
कर बचत
एक व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए इनकम टैक्स की धारा 80 डी के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए टैक्स डिडक्शन की ऊपरी लिमिट स्वयं, पति/पत्नी, आश्रित बच्चों या माता-पिता के लिए 25,000 रुपये है। परिवार या माता-पिता जो वरिष्ठ नागरिक हैं, उनके लिए ऊपरी लिमिट 50,000 रुपये है।
मल्टी-ईयर पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्तियों को अक्सर टैक्स-डिडक्शन पर संदेह होता है। वर्तमान टैक्स डिडक्शन नियमों के अनुसार पॉलिसी की अवधि के आधार पर टैक्स डिडक्शन प्रत्येक वर्ष के लिए आनुपातिक रूप से निर्धारित की जाती है। मान लीजिए, अगर व्यक्ति तीन साल की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए 60,000 रुपये का एकमुश्त प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो वे आयकर अधिनियम की धारा 80 डी के तहत टैक्स डिडक्शन के रूप में प्रत्येक वर्ष 20,000 रुपये की राशि का क्लेम कर सकते हैं। अगर सीनियर सिटीजन मल्टी-ईयर पॉलिसी के लिए प्रीमियम के रूप में 1.5 लाख रुपये का भुगतान करते हैं, तो टैक्स नियमों के अनुसार डिडक्शन की लिमिट प्रत्येक वर्ष 50,000 रुपये होगी। इसलिए, वे पहले वर्ष में 50,000 रुपये का क्लेम कर सकते हैं और उसके बाद अगले दो वर्षों के लिए शेष राशि का क्लेम कर सकते हैं।
बीमा कंपनियां किसी भी भ्रम से बचने के लिए धारा 80डी के तहत सालाना क्लेम की जा सकने वाली राशि बताते हुए एक टैक्स सर्टिफिकेट भी जारी करती हैं। अब यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि टैक्स डिडक्शन का पात्र होने के लिए प्रीमियम के भुगतान का तरीका नकद नहीं होना चाहिए।
कुछ पॉलिसियां सास-ससुर को भी कवर कर सकती हैं, हालांकि, भुगतान किया गया प्रीमियम टैक्स डिडक्शन के लिए योग्य नहीं हो सकता है। जो टैक्स पेयर न्यू टैक्स रिजिम को चुनते हैं, वे पुरानी टैक्स रिजिम चुनने वालों की तुलना में डिडक्शन का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
मल्टी-ईयर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां कई लाभ प्रदान करती हैं जो उन्हें लंबी अवधि के लिए हेल्थ कवरेज सुरक्षित करने के लिए वित्तीय रूप से बेहतर विकल्प बनाती हैं। यह व्यापक कवरेज, प्रीमियम पर डिस्काउंट और लॉक-इन प्रीमियम प्रदान करता है, जिससे टैक्स बेनिफिट के अलावा इनफ्लेशन या उम्र के कारण प्रीमियम में बदलाव से बचा जा सकता है है। हालांकि, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि टैक्स बेनिफिट लंबे समय से व्यक्तियों को हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए लुभाने का एक कारण रहा है, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस का उद्देश्य इससे कहीं ऊपर है। एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान रेनकोट के रूप में कार्य करती है जो आपको चिकित्सा बिलों के अंतहीन बोझ से राहत देती है।