Do Not Search These Things On Internet
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
प्रतिस्पर्धा के युग में आज इंटरनेट अपनी अतुलनीय भूमिका अदा कर रहा है। हर कोई शख्स कोई भी जानकारी इंटरनेट से आसानी से प्राप्त कर सकता है। यदि हम यूं कहे कि इंटरनेट के बिना आज हमारा जीवन अधूरा सा हो जाएगा तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा।
इंटरनेट पर तरह-तरह की सर्चिंग से न केवल हम अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं बल्कि आज के समय में पैसा भी कमा सकते हैं। लेकिन आज हम आपको बता दें कि यदि आप गूगल या अन्य किसी सर्चिंग प्लेफार्म पर किसी व्यक्ति के निजी फोटो या वीडियो उसकी बिना इजाजत के सर्च करते हैं तो ये यह आपके लिए नुक्सानदायक हो सकता है। क्योंकि भारत में किसी के भी निजी फोटो उसकी परमिशन के बिना सर्च करना गैर कानूनी है।
ऐसा करने पर आपको जेल भी हो सकती है। वहीं इसको लेकर ही भारत सरकार ने एक फैसला लेते हुए सोशल मीडिया पर इस तरह की सर्चिंग और आपत्तिजनक चीजों के सर्च पर भी पाबंदी लागू कर दी है साथ ही नए साल के साथ ये पाबंदियां लागू भी हो गई हैं।
छेड़छाड़ अथवा दुर्व्यवहार पीड़ित महिला की फोटो सर्च या शेयर करना भी अपराध
सरकार के आदेश के अनुसार किसी भी महिला से अगर छेड़छाड़ अथवा दुर्व्यवहार हुआ हो तो उसके नाम व उसका फोटो शेयर करना अवैध है।
गूगल या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर बिना अनुमति पीड़िता की प्राइवेट फोटो या वीडियो शेयर करना अपराध की श्रेणी में रखा गया है। ऐसा करने पर सजा का प्रावधान है और साइबर क्राइम की धारा के तहत आरोपी को जेल जाना पड़ सकता है।
चाइल्ड पोर्न मामले में सर्चिंग पर भी हो सकती है जेल (Do Not Search These Things On Internet)
इसी तरह केंद्र सरकार चाइल्ड पोर्न के मामले में भी सख्त हो गई है। इसे भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है और ऐसा करने पर भी जेल हो सकती है। पास्को एक्ट 2012 के सेक्शन 14 के तहत चाइल्ड पोर्न देखने को शेयर करना और उसे बनाना कानूनन अपराध है। आरोपी को कम से कम पांच साल और अधिकतम सात साल तक सजा हो सकती है।
रिलीज से पहले फिल्म लीक करना, पाइरेसी फिल्म को डाउनलोड करना भी गैरकानूनी (Searching Private Photos and Videos is a Crime)
रिलीज से पहले आनलाइन प्लेटफॉर्म पर कोई भी फिल्म लीक करना या फिर पाइरेसी फिल्म को डाउनलोड करना भी गैरकानूनी है। केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में संशोधन मंजूर कर लिया है और नए फैसलों के अनुसार फिल्म पाइरेसी को अब गंभीर अपराध माना जाएगा। ऐसा करने पर न्यूनतम तीन साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। इस कानून के तहत वे लोग भी आएंगे, जो सिनेमाघरों में फिल्म की रिकॉर्डिंग करते हैं या ऐसी रिकॉर्डिंग का बिजनेस करते हैं।
गर्भपात के तरीके सर्च करने पर भी सजा का प्रावधान (Searching Private Photos and Videos is a Crime)
गूगल प्लेटफार्म पर गर्भपात करने के तरीके पर भी अब सजा का प्रावधान है। इसलिए गलती से भी गर्भपात करने के तरीके गूगल या अन्य सर्च प्लेटफार्म पर सर्च न करें। डॉक्टर से अनुमति लिए बिना गर्भपात करना गैरकानूनी है। गौरतलब है कि देश में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं
और इनमें सुप्रीम कोर्ट से गर्भपात की परमिशन लेने की मांग की गई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने केवल किसी बीमारी से पीड़ित महिला को डॉक्टर की सलाह से गर्भपात की अनुमति दी है। ऐसे में आनलाइन सर्च करके गर्भपात की विधि भी कतई तलाश न करें तो जोल हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाया है प्रतिबंध (Searching Private Photos and Videos is a Crime)
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया आदि किसी भी प्लेटफॉर्म से छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता की पहचान जाहिर नहीं कर सकता। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर ऐसा किया तो जेल होगी। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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