Amazon Future Controversy
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारत के फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली हाईकोर्ट से अें९ङ्मल्ल के साथ चल रही मध्यस्थता कार्यवाही को अवैध घोषित करने के लिए कहा है। देश की एंटीट्रस्ट एजेंसी ने 2019 के सौदे को निलंबित कर दिया था। जिसे अें९ङ्मल्ल फ्यूचर पर अपने अधिकारों का दावा करता था।
बता दें कि अमेजन और फ्यूचर रिटेल के बीच लंबे समय से डील को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई सिंगापुर मध्यस्थता पैनल में हो रही है लेकिन दोनों पक्ष आर्बिट्रेटर के लिए गए कुछ फैसलों को लागू करने या रद्द करने के लिए भारतीय अदालतों में केस लड़ रहे हैं।
बता दें कि अमेजन ने 2019 में फ्यूचर कूपन (फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी) में 49% हिस्सेदारी 1500 करोड़ रुपए में खरीदी थी। इस सौदे के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को रिलायंस रिटेल बेचने का ऐलान किया था। ये सौदा 24,713 करोड़ रुपए में हुआ था। इसी के बाद से ये विवाद शुरू हुआ था।
भारतीय अविश्वास निकाय, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने दिसंबर में 2019 के सौदे को यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि अमेजॅन ने अनुमोदन मांगते समय जानकारी को दबा दिया। लंबे समय से चल रहे इस विवाद को सिंगापुर मध्यस्थता पैनल द्वारा सुना जा रहा है, लेकिन दोनों पक्ष भारतीय अदालतों में समानांतर मामलों को लागू करने या लागू करने के लिए लड़ रहे हैं।
अब एक बार फिर से दिल्ली हाईकोर्ट में नवीनतम फ्यूचर रिटेल ने कहा है कि 2019 के बाद से डील को अब अविश्वास की मंजूरी नहीं है। भारत में इसका कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है और अमेजॅन अब अपने किसी भी अधिकार का दावा नहीं कर सकता है।
Also Read : Experience of Becoming a Millionaire बोरिंग है अमीर होना
Read More : GST Related New Rules नए साल से बदले GST से संबंधित ये नियम