इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Money Market Fund को लिक्विड फंड भी कहते हैं। इसमें कंपनी इन्वेस्टर्स का पैसा शॉर्ट-टर्म स्कीम में लगाती हैं, इन स्कीम्स में ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, कमर्शियल पेपर, रीपर्चेज एग्रीमेंट आदि आते है। इस निवेश को मैच्योर होने में 1 साल से भी कम समय लगता है। यदि आप किसी मुश्किल स्थिति में है और आपको पैसो की आवश्यकता है तो आप कभी भी इसमें से पैसे निकलवा सकते है।
किनको करना चाहिए इन्वेस्ट (Money Market Fund)
यह फंड से आप शोर्ट टर्म इंवेस्ट पर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है। आप इसमें एक वर्ष तक इन्वेस्ट कर सकते हैं। ऐसे लोग जो कम जोखिम पर ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं इसमें इन्वेस्ट कर सकते है। लिक्विड फण्ड में आपको कम से कम 8 से 10 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज प्राप्त हो सकता है, क्योंकि लिक्विड फण्ड के अन्तर्गत आपके इन्वेस्ट्मन्ट का ज्यादातर हिस्सा सरकारी सिक्युरटीज़ और बॉन्ड्स में निवेश किया जाता है। Money Market Fund
लेकिन यदि आप लम्बी अवधि के लिए इन्वेस्ट करना चाह रहे है तो मनी मार्किट म्यूच्यूअल फंड बेहतर विकल्प नहीं होगा उसके लिए आप चाहे तो डायनेमिक बांड फंड और बैलेंस फंड का उपयोग कर सकते हैं।
क्या है फायदे (Money Market Fund)
इस फंड में इन्वेस्ट करने से आपको बहुत से लाभ हो सकते है जैसे ये अन्य विकल्पों जैसे कि इक्विटी आदि की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं और साथ ही रिटर्न भी अच्छा खासा मिलता है। निवेशक इसमें कम अवधि के लिए भी निवेश कर सकते हैं। शॉर्ट टर्म होने के कारण अर्थव्यवस्था में ब्याज दर में होने वाले बदलाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता है। और आप अपना पैसा कभी भी निकलवा सकते है।
ध्यान रखने वाली बातें
आपको पहले से ही मनी मार्केट म्यूचुअल फंड्स की विशेषताओं और जोखिमों के बारे में जानकारी होना ज़रूरी है। जोखिम जैसे क्रेडिट रिस्क, इंटरेस्ट रेट रिस्क इत्यादि।
इन्वेस्टमेंट का उदेश्य क्या है उसे याद रखें और फंड चुनने से पहले देखे कि यह आपके उद्देश्य को पूरा करता है या नहीं।
हमेशा अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले म्यूचुअल फंड को चुनना चाहिए।
फंड मैनेजर की इन्वेस्ट स्ट्रेटेजी को भी देख लेना चाहिए। निवेश से पहले एक्सपेंस रेशियो को भी देख लें।
टैक्स लगाने की प्रक्रिया?
मनी मार्केट फंडों लगभग डेट स्कीमों जैसा होता है। तो उसमे टैक्स भी उन्ही की तरह लगता है. यानी अगर आप तीन साल से पहले निवेश को बेचते हैं तो रिटर्न आपकी इनकम के साथ जुड़ता है। फिर इस पर उसी हिसाब से टैक्स लगेगा जिस टैक्स स्लैब में आप आते हैं। अगर आप तीन साल के बाद निवेश को बेचते हैं तो इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है।
Money Market Fund
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