इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
Foreign Portfolio Investors : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के अब थोड़ी सुधार होने लगी है। जनवरी के पहले सप्ताह में भारत के शेयर बाजार में एफपीआई ने 3 हजार करोड़ अधिक रुपए डाले हैं। इतने बड़ी मात्र में आए एफपीआई के पीछे की वजह पिछले तीन महीने का बिकवाली है। हालांकि बाजार के विशेषज्ञों इस पर कहना है कि भारतीय बाजार में एफपीआई के निवेश में उतार चढ़ाव होने वाला है। इस उतार चढ़ाव की वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना, ओमीक्रोन को लेकर बढ़ती चिंता तथा मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर है।
पिछले साल सितंबर में 13,154 करोड़ रुपये का निवेश Foreign Portfolio Investors
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई ने नए साल के 3 जनवरी से लेकर 7 जनवरी के बीच भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 3,202 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले पिछले साल सितंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 13,154 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। एफपीआई का ताजा निवेश अक्टूबर-दिसंबर, 2021 के दौरान भारतीय बाजारों से उनकी 38,521 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी के बाद आया है।
रुक रुक की जा रही खरीदारी Foreign Portfolio Investors
एक मार्केट विशेषज्ञ ने कहा कि एफपीआई में रुक-रुक कर की जा रही खरीदारी की वजह से बाजार में अंतरिम ‘करेक्शन’ है। इसकी वजह से उनको खरीदारी का अच्छा अवसर मिला है। आगे उन्होंने कहा कि भारत सहित दुनियाभर में कोरोनो वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बीच एफपीआई अपने निवेश में रुख में सतर्कता बरतेंगे।
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