Inflation Increased
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में सरकार द्वारा कई तरह के प्रयास करने के बावजूद महंगाई कम नहीं हो रही है बल्कि बढ़ती जा रही है। अत: महंगाई के मोर्चे पर हर कदम से सकारात्मकता नहीं आ रही है। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ने के कारण दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.59 प्रतिशत पर पहुंच गई है जोकि दिसम्बर से पहले 4.91 प्रतिशत थी। यह पिछले साल जुलाई के बाद सबसे अधिक है। वहीं एक साल पहले दिसंबर 2020 में रिटेल महंगाई दर 4.59 प्रतिशत रहा था।
दूसरी ओर औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ नवंबर में 9 महीने के निचले स्तर 1.4 फीसदी पर पहुंच गई। ये आंकड़े सांख्यिकी मंत्रालय ने जारी किए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के लिए काउंटडाउन भी शुरू हो चुका है। ऐसे में सरकार के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है।
बता दें कि सरकार द्वारा तेल पर टैक्स में कटौती के चलते आम लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत मिली थी लेकिन बाकी खाने की चीजों के दाम बढ़ने से एक बार फिर से आम लोगों को झटका लगा है।
चौथी तिमाही के बाद मिल सकती है थोड़ी राहत
इससे पहले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई नवंबर 2021 में 4.91% और दिसंबर 2020 में 4.59% थी। वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष में दिसंबर में खाद्य महंगाई बढ़कर 4.05% हो गई, जो पिछले महीने में 1.87% थी। RBI की माने तो चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई चरम पर रहने और उसके बाद नरम होने की उम्मीद है। RBI हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर गौर करता है।
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