इंडिया न्यूज, कैलिफोर्निया:
अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी Apple ने इजरायल की साइबर फर्म NSO ग्रुप और उसकी पेरेंट कंपनी OSY टेक्नोलॉजीज के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। Apple कंपनी का कहना है कि एनएसओ ग्रुप ने पेगासस के माध्यम से आईफोन यूजर्स की जासूसी की है। इसके साथ ही, IPhone मेकर एप्पल ने NSO ग्रुप द्वारा किसी भी एप्पल साफ्टवेयर, सर्विसेज या डिवाइसों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की है, ताकि आगे इसके दुरुपयोग को रोका जा सके।
कैलिफोर्निया की अमेरिकी संघीय अदालत में केस फाइल करते हुए ऐप्पल ने कहा है कि पेगासस के जरिए 1.65 बिलियन यूजर्स की जासूसी की गई है, जिसमें एक बिलियन से ज्यादा आईफोन यूजर्स शामिल हैं। हम चाहते हैं कि एनएसओ ग्रुप को बैन किया जाए ताकि ये ग्रुप हमारे सॉफ्टवेयर, सर्विस और डिवाइस का इस्तेमाल न करें। इससे यूजर्स का निजी सुरक्षित रहेगा।
विदेशी सरकारों को हैकिंग टूल बेच रहा एनएसओ
Apple ने कहा है कि उनके डिवाइस सुरक्षित हैं लेकिन प्राइवेट कंपनियां ऐसे टूल बना रही हैं, जो काफी खतरनाक हैं। कंपनी ने आरोप लगाया है कि एनएसओ ग्रुप प्रोडक्ट्स की सुरक्षा को दरकिनार कर विदेशी सरकारों को हैकिंग टूल बेच रहा है। NSO के टूल का इस्तेमाल 2021 में Apple यूजर्स को टारगेट करने और उन पर हमला करने के लिए किया गया था।
एप्पल का आरोप है कि अमेरिकी नागरिकों के मोबाइल डिवाइसों की एनएसओ के स्पाइवेयर द्वारा जासूसी की गई है। NSO ग्रुप ने इस काम के लिए 100 से ज्यादा नकली एप्पल आईडी यूजर्स बनाए हैं। एप्पल ने कहा कि उसके सर्वरों को हैक नहीं किया गया था लेकिन NSO ने एप्पल यूजर्स पर हमले करने के लिए सर्वरों का दुरुपयोग किया है।
विवादों में रही है NSO फर्म
बता दें कि पेगासस साफ्टवेयर बनाने वाली इजरायल की साइबर फर्म NSO ग्रुप भारत में भी विवादों में रही है। कंपनी पर देश के बड़े लोगों के मोबाइल फोन हैक करने और उनकी जासूसी करने के आरोप लगे हैं। फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं कुछ समय पहले अमेरिका में अमेरिकी में भी NSO ग्रुप पर बैन लगाने के लिए ब्लैकलिस्ट किया था। इससे पहले साल 2019 में WhatsApp ने ग्रुप पर जासूसी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था।
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